पाकिस्तान का उच्चायुक्त निकला असली ‘नटवरलाल’, इंडोनेशिया में बेच दी पाकिस्तानी एम्बेसी

अब तक दुनिया के सबसे बड़े आतंकी पैदा करने वाले पाकिस्तान ने अब पैदा किया दुनिया का सबसे बड़ा ठग और फ्राड।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त रिटायर्ड मेजर जनरल सैयद मुस्तफा अनवर ने साल 2001-2002 में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्थित पाकिस्तानी दूतावास की ईमारत को बिना विदेश मंत्रालय के अनुमति के बेच दिया था। दूतावास की ईमारत को बेचने कि वजह से पाकिस्तान सरकार को उस वक़्त 1.32 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।सैयद मुस्तफा ने ईमारत को बिना उसकी कीमत देखे कम दामों में बेच दिया था। पाकिस्तान के शीर्ष भ्रष्टाचार निकाय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने 19 अगस्त को सैयद मुस्तफा अनवर के खिलाफ पाकिस्तानी अदालत में केस दाखिल करवाया। अदालत की कार्यवाही में सैयद मुस्तफा अनवर को दोषी करार दिया गया।एनएबी ने अदालत में पेशी के दौरान कहा कि सैयद मुस्तफा ने साल 2001-2002 के दौरान जकार्ता में स्थति पाकिस्तानी दूतावास को औने-पौने दाम पर बेच दिया था। जिससे पाकिस्तानी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा था। एनएबी ने बताया कि पूर्व राजदूत सैयद मुस्तफा को जब जकार्ता में स्थित पाकिस्तानी दूतावास में नियुक्त किया गया था, वह तब से दूतावास को बेचने कि फ़िराक में थे। उन्होंने बिना विदेश मंत्रालय से पूछे स्थानीय अखबारों में दूतावास को बेचने के लिए विज्ञापन छपवा दिया था। उन्होंने इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय को प्रस्ताव तब भेजा जब दूतावास के बिक्री कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।विदेश मंत्रालय ने सैयद मुस्तफा द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को पूरी तरह नामंजूर कर दिया था, उन्हें दूतावास की ईमारत बेचने से मना करने के लिए मंत्रालय ने उन्हें पत्रों के जरिए सूचित किया। लेकिन सैयद मुस्तफा ने उसे अनदेखा कर दिया और ईमारत को बेच दिया। अपनी शक्तियों के दुरुपयोग के लिए उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश की धारा 9 (ए) 6 के तहत दोषी पाया गया हैं।

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