पाकिस्तान: इमरान सरकार पर सेना कस रही शिकंजा।

पीएम इमरान खान के कैबिनेट में अचानक किये गये बड़े बदलावों को पाकिस्तान सेना के नए तरकीब के तौर पर देखा जा रहा है ताकि सरकार पर दबदबा और बढ़ाया जा सके।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : इमरान खान की अगुवाई में सरकार बनाने के पीछे पाकिस्तान की सेना की भूमिका किसी से छिपी हुई बात नहीं है, लेकिन अब यह बात और भी साफ होती जा रही है। पीएम इमरान खान के कैबिनेट में अचानक किये गये बड़े बदलावों को पाकिस्तान सेना के नए तरकीब के तौर पर देखा जा रहा है ताकि सरकार पर दबदबा और बढ़ाया जा सके। खास तौर पर जिस तरह से बेहद विवादास्पद और सेना के बेहद खास रहे इजाज शाह को नया आतंरिक मंत्री बनाया गया है उससे यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान सेना सरकार पर पूरी तरह से नियंत्रण रखना चाहती है। भारतीय सरकार और यहां की खुफिया एजेंसियां भी इस बदलाव पर नजर रख रही हैं क्योंकि इजाज शाह पूर्व में भारत विरोधी गतिविधियों की निगरानी कर चुके हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि इजाज शाह का पाकिस्तान के गृह मंत्रालय संभालने का सीधा सा मतलब है कि आने वाले दिनों में जैश ए मोहम्मद, लश्करे तैयब्बा जैसे आतंकी संगठनों को वहां से और ज्यादा मदद मिलेगी। यह भारत के लिए चिंता की बात है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान सेना की तरफ से गठित उक्त आतंकी संगठनों के ताल्लुकात इजाज शाह से पुराने हैं। वह कई वर्षो तक भारत के खिलाफ चलने वाली गतिविधियों की निगरानी करते रहे हैं। उनकी नियुक्ति के जरिए पाकिस्तान की सेना यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि पीएम इमरान खान सत्ता का केंद्र नहीं बने और अपने बूते वह कोई फैसला नहीं कर सके। वैसे पाकिस्तान आर्मी पहले से ही विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी को बढ़ावा दे रही थी लेकिन इजाज शाह को एक बड़ा कैबिनेट पद पर स्थापित कर उसने अपनी रणनीति को और पक्का कर लिया है। इजाज शाह को लेकर भारत में और पाकिस्तान में जो प्रतिक्रिया हो रही है उसके पीछे वजह उनका पुराना रिकार्ड रहा है। वह पाकिस्तान सेना के अहम पदों के अलावा वहां के खुफिया ब्यूरो की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ के बड़े पदों पर भी रह चुके हैं। माना जाता है कि उनकी निगरानी में ही पाकिस्तान सेना के कुछ आला अधिकारियों ने पूरी दुनिया के आंखों के सामने से कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को कई वर्षो तक पाकिस्तान में छिपाये रखा। यह आरोप आइएसआइ के ही एक पूर्व महानिदेशक जियाउद्दीन बट ने लगाया था कि ओसामा को छिपाने की पूरी रणनीति इजाज शाह ने तैयार की थी और उनकी देख रेख में ही एबटाबाद स्थित मकान में उसे रखा गया था।कभी उन्हें सैनिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ का दायां हाथ माना जाता था। लेकिन बाद में इन दोनों की नहीं बनी थी। इजाज खान के पुराने रिकार्ड को देखते हुए कई जानकार यह भी मान रहे हैं कि इसकी वजह से फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान का मामला और भी कमजोर होगा।

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