पश्चिम बंगाल में हो रहे धार्मिक जमावड़ों को लेकर केंद्र सरकार ने जताई कड़ी आपत्ति।
गृह मंत्रालय ने खत में लिखा है, 'सुरक्षा एजेंसियों से मिल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर धीरे-धीरे घट रहा है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : पश्चिम बंगाल द्वारा लॉकडाउन का पालन ना करने पर केंद्र ने नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में गैरजरूरी सामानों से जुड़ी दुकानों के खुले रहने और धार्मिक जमावड़े की इजाजत दिए जाने पर ऐतराज जताया है। इसके अलावा अधिकारियों के बजाय नेता राशन बांट रहे हैं। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को सख्त लहजे में खत लिखकर जवाब मांगा है।
खत में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सब्जी, मछली और मांस बाजारों पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगाया गया है और इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने खत में लिखा है, ‘सुरक्षा एजेंसियों से मिल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर धीरे-धीरे घट रहा है। राज्य सरकार की तरफ से दी जा रहीं छूट का दायरा बढ़ता ही जा रहा है।’ गृह मंत्रालय ने कहा है कि गैरजरूरी सामानों से जुड़ी दुकानों को भी खुलने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा कोलकाता के राजा बाजार, नरकेल डांगा, तोपसिया, मेटियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मनिकटाला में सब्जी, मछली और मटन मार्केट में भी लोग धड़ल्ले से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए उमड़ रहे हैं। लॉकडाउन के बीच भी एक दिन पहले मुर्शीदाबाद में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए बड़ी तादाद में लोग जुटे थे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। गृह मंत्रालय ने अपने खत में लिखा है, ‘ऐसी सूचनाएं हैं कि पुलिस धार्मिक जमावड़ों को होने दे रही है। मुफ्त राशन को सांस्थानिक वितरण प्रणाली के बजाय नेताओं द्वारा बांटा जा रहा है। इससे कोविड-19 का संक्रमण फैल सकता है।’ गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की गतिविधियां डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट 2005 के तरत केंद्र सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी आदेशों का उल्लंघन हैं और इस ऐक्ट के तहत यह दंडनीय है। केंद्र ने खत में कहा है, ‘गुजारिश है कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं और इस बारे में इस मंत्रालय (केंद्रीय गृह मंत्रालय) को तत्काल रिपोर्ट दी जाए।’ गृह मंत्रालयकी ओर से यह भी कहा गया है की भविष्य में इस तरह के उल्लंघन ना हो यह सुनिश्चित किया जाय।