‘पद्मावती’ विवाद: गिरिराज का भंसाली को खुला चैलेंज, कहा- किसी और धर्म पर फिल्म बनाकर दिखाओ

निर्माता-निर्देशक संजयलीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के विवाद में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं। गिरिराज ने कहा कि ‘संजय लीला भंसाली और किसी भी फिल्मकार में हिम्मत नहीं कि वह किसी और धर्म पर अधारित फिल्म बनाए या उनपर टिप्पणी करें।

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उन्होंने आगे कहा ‘वे हिंदू गुरुओं, भगवान और योद्धाओं पर आधारित फिल्में ही बनाते हैं हम अब इसे और बर्दाशत नहीं कर सकते।’हम ये सब और बर्दाश्त नहीं करेंगे: गिरिराजमोदी सरकार में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “वे (भंसाली) हिंदू गुरुओं, देवताओं और योद्धाओं पर फिल्म बनाते हैं। हम ये सब अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

 ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए: उमा

– उमा भारती ने अपने खत में कहा है, “फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। अलाउद्दीन खिलजी की रानी पद्मावती पर बुरी नजर थी और इसके लिए उसने चित्तौड़ को नष्ट कर दिया था। उमा ने सलाह दी थी कि विवाद को सुलझाने के लिए रिलीज से पहले इतिहासकार, फिल्मकार, आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि एवं सेंसर बोर्ड मिलकर कमेटी बनाएं और इस पर फैसला करें

हमें आज भी खिलजी से नफरत है
– केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने लिखा, “तथ्य को बदला नहीं जा सकता, उसे अच्छा या बुरा कहा जा सकता है। सोचने की आजादी किसी भी तथ्य की निंदा या स्तुति का अधिकार हमें देती है। रानी पद्मावती की गाथा ऐतिहासिक तथ्य है। रानी पद्मावती के प्रति राणा रतन सिंह अपने साथियों के साथ वीर गति को प्राप्त हुए थे। हजारों स्त्रियां, जिनके पति वीर गति को प्राप्त हो गए थे, उनके साथ रानी पद्मावती ने खुद को आग के हवाले कर जौहर कर लिया था। हमने इतिहास में यही पढ़ा है और आज भी खिलजी से नफरत और पद्मावती के लिए सम्मान एवं उनके दुखद अंत के लिए बहुत वेदना होती है।”

लड़कियों पर तेजाब डालने वाले खिलजी के वंशज
– उमा ने खत में यह भी लिखा, “आज भी मनचाहा रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर कुछ लड़के, लड़कियों के चेहरे पर तेजाब डाल देते हैं। वो सब किसी भी धर्म या जाति के हों, मुझे अलाउद्दीन खिलजी के ही वंशज लगते हैं। मैं सोचने की आजादी का सम्मान करती हूं, लेकिन अभिव्यक्ति में कहीं तो एक सीमा होती है।”

 राजपूत करणी सेना को भी है एतराज
– राजस्थान की राजपूत करणी सेना का मानना है कि ​इस फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए गए हैं जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। करणी सेना काफी दिनों से फिल्म का विरोध कर रही है। इसने कई जगह प्रदर्शन और पुतले भी जलाए हैं।
 भंसाली का क्या कहना है?

– ‘पद्मावती’ का विरोध होने के बाद डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने कहा था कि इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है।
– हाल ही में एक आर्टिस्ट ने पद्मावती की रंगोली बनाई थी, लेकिन कुछ लोगों ने ये रंगोली बिगाड़ दी, जिसके बाद फिल्म में पद्मावती का किरदार निभा रही दीपिका पादुकोण ने स्मृति ईरानी को टैग करते हुए ट्वीट किया था कि इस तरह की घटनाओं पर एक्शन लिया जाना चाहिए।

वहीं इससे पहले उमा भारती पद्मावती को लेकर खुला खत जारी कर चुकी हैं। उन्होंने खत में फिल्म मेकर की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन किया था और ये भी कहा था कि इसकी कहीं तो एक सीमा होती है।
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अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था। उसकी बुरी नजर रानी पद्मावती पर थी, जिसके कारण उसने चित्तौड़ नष्ट कर दिया। मर्यादा के उल्लंघन की निंदा स्वाभाविक बताते हुए उन्होंने फिल्म की प्री-स्क्रीनिंग की मांग कर डाली है, जिससे रिलीज से पहले विवाद हल हो सके।
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