पटना विश्वविद्यालय परिवार पीएम नरेंद्र मोदी से है नाराज

प्रधानमंत्री के भाषण के बाद पटना विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और प्रोफेसरों को निराशा जरूर हुई है लेकिन उन्‍होंने चुनौती को स्वीकार करने की बात भी कही है. पीएम मोदी के आने से उत्साहित छात्र-छात्राएं अब निराश हैं और अब उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री सीधे हाथ के बजाय उल्टे हाथ से नाक पकड़ने को कह रहे हैं.

पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विश्‍वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के बजाय एक चैलेंज दिया कि दुनिया के 500 विश्‍वविद्यालयों में जगह बनाने के लिए आगे आएं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की करबद्ध प्रार्थना को अस्वीकार करते हुए पीएम ने कहा कि हम उससे आगे पीयू को ले जाना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि देश के 10 विश्वविद्यालयों का चयन होना है जिसमें 5 निजी और 5 सरकारी विश्वविद्यालय होंगे और जिनके लिए 10 हजार करोड़ की राशि की व्यवस्था सरकार करेगी.

पीएम ने विश्वविद्यालय की जरूर जमकर तारीफ की और कहा कि देश का कोई राज्य ऐसा नहीं होगा जहां के टॉप पांच सिविल सर्विसेज के अधिकारी बिहार के इस विश्वविद्यालय के न हों. बिहार सरस्वती का उपासक रहा है लेकिन अब सरस्वती के साथ लक्ष्मी भी साथ हो यह जरूरी है.
छात्र अभिषेक राज कहते हैं, ‘हम लोगों को लगा कि हमारे विश्वविद्यालय को सेंट्रल दर्जा दे देंगे, पर ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने तो अलग दिशा ही दे दी हमारे विश्वविद्यालय को. उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ देंगे मगर कॉम्पिटीशन फेस करने के बाद. जो कुछ हद तक ठीक है, कुछ हद तक नहीं.’ छात्रा आकांक्षा यादव कहती हैं कि ‘वैसे तो हम लोग बहुत एक्साइटेड थे कि पीएम मोदी हमारी पटना यूनिवर्सिटी आ रहे हैं लेकिन जहां तक हम लोगों की अपेक्षा थी कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगी, हमारे सीएम ने भी साफ शब्दों में कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी बना दिया जाएगा. लेकिन मोदी जी इस बात को अलग डायरेक्शन में ले गए और कहा कि कॉम्पिटीशन फेस करना पड़ेगा. हम लोगों को 100 साल पूरा होने पर जो गिफ्ट मिलना था वो नहीं मिला, थोड़े निराश हैं हम लोग.’ इसी तरह की बातें कई अन्‍य छात्रों ने भी कहीं.

पीएम मोदी की बातों से एक बात तो स्पष्ट है कि लक्ष्मी की आवश्‍यकता तो पड़ती है मगर विश्वविद्यालय परिवार को अब कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने बलबूते केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा. इस बात को लेकर विश्वविद्यालय परिवार खासा नाराज दिख रहा है. वहीं पटना विश्‍वविद्यालय शताब्दी समारोह में शामिल होने के बाद भी पीएम का केंद्रीय विश्वविद्यालय देने की घोषणा नहीं करने से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी, यह भी तय है. आरजेडी खेमा, जो समारोह से दूर दिखा, नीतीश कुमार पर हमलावर होगा. क्योंकि नीतीश कुमार ने मंच से जिस प्रकार पीएम से आग्रह किया उसके बाद भी पीएम के घोषणा नहीं करने से जेडीयू के लिए भी बचाव करना मुश्किल होगा.

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