नाटो सदस्य देशों से डोनाल्ड ट्रंप हैं नाराज़

नाटो के सभी 29 सदस्यों को अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र के लिए देना होता है। हालांकि, इतना पैसा न देने वाले देशों के लिए किसी तरह के दंड या जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। अमेरिका मौजूदा समय में नाटो के कुल खर्च का 22 प्रतिशत देता है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ब्रसेल्स में होने जा रहे नाटो सम्मेलन से पहले जर्मनी पर ‘रूस का बंदी’ होने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा है कि जर्मनी ने रूस के साथ पाइपलाइन डील की है जिससे रूस के खजाने में करोड़ों डॉलर्स जमा हो रहे हैं और जर्मनी की रक्षा करने में अमेरिका लगा हुआ है। बीते साल भी समिट से पहले ट्रंप ने नाटो के अन्य सहयोगियों को रक्षा खर्च में अपना सहयोग न बढ़ाने को लेकर फटकारा था। इस बार ट्रंप ने सदस्य देशों से खर्च को जीडीपी के 2 प्रतिशत से बढ़ाकर दोगुना करने के लिए कहा है। सवाल यह है कि जो देश 2 प्रतिशत खर्च नहीं दे पा रहे हैं वह 4 प्रतिशत कैसे चुका पाएंगे।
नॉर्थ ऐटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO), के 29 सदस्य हैं। इस संगठन को 1949 में सोवियत संघ को किसी भी तरह रोकने के उद्देश्य से किया गया था। इसका मुख्यालय ब्रसेल्स (बेल्जियम) में है। सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इसे खत्म नहीं किया गया बल्कि इसकी भूमिका बदल दी गई। अब यह संगठन आतंकवाद से लड़ाई, पड़ोसी देशों में स्थिरता बनाए रखना, साइबर सुरक्षा वगैरह के लिए काम करता है।
नाटो के सभी 29 सदस्यों को अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र के लिए देना होता है। हालांकि, इतना पैसा न देने वाले देशों के लिए किसी तरह के दंड या जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। अमेरिका मौजूदा समय में नाटो के कुल खर्च का 22 प्रतिशत देता है। साल 2017 में अमेरिका ने नाटो के लिए 2 अरब डॉलर यानी 137 अरब रुपये से ज्यादा खर्च किया है।हालांकि, सभी सदस्य नाटो के लिए फंडिंग देते हैं लेकिन 29 में से सिर्फ 8 सदस्य देश ही ऐसे हैं जिन्होंने जीडीपी के 2 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा किया है। ट्रंप को लगता है कि ये देश अपने रक्षा क्षेत्र पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहे हैं और संकट से बचने के लिए बड़े स्तर पर अमेरिका पर निर्भर हैं। इतना ही नहीं ट्रंप ने इसे व्यापार से जोड़ते हुए मंगलवार को ट्वीट किया था,‘यूरोपीय संघ ने यूरोप में हमारे मजदूरों, कर्मचारियों और कंपनियों के लिए व्यापार करना असंभव बना दिया है (अमेरिका का यूरोप से व्यापार घाटा 151 अरब डॉलर का है) और इसके बाद वे चाहते हैं कि हम खुशी खुशी नाटो के जरिए उनकी सुरक्षा करते हैं और शालीनता से इसका भुगतान भी करते रहें। यह अब नहीं चलेगा।’
ट्रंप का कहना है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी रक्षा क्षेत्र में जीडीपी का महज 1.24 प्रतिशत खर्च करता है जो नाटो सहयोगियों के लिए तय मानक से काफी कम है, जबकि अमेरिका जीडीपी 3.5 प्रतिशत खर्च करता है।

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