नहीं थम रहा बीबीएन में बैटरी उद्योग का कहर, एक और बेजुबान बनी काल का ग्रास
पैसे के दम पर कंपनी खेल रही है प्रदूषण और मौत का गंदा खेल, प्रशासन और सरकार भी चुप्प
नहीं थम रहा बीबीएन में बैटरी उद्योग का कहर, एक और बेजुबान बनी काल का ग्रास
– स्थानीय लोगों का आरोप पीडि़तों को मिल रही हैं मुंह बंद रखने की धमकियां
– पैसे के दम पर कंपनी खेल रही है प्रदूषण और मौत का गंदा खेल, प्रशासन और सरकार भी चुप्प
न्यूज लाईव नाऊ: बीबीएन (ऊमा धीमान): विश्व मानचित्र पर एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक हब के रूप में पहचान बना चुके औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में कुछ बेलगाम उद्योग प्रदूषण का गंदा खेल खेलने से बाज नहीं आ रहे। बीबीएन के नालागढ़ के तहत हांडाकुंडी स्थित बैटरी उद्योग के प्रदूषण के चलते एक और बेजुबान ने दम तोड़ दिया। उद्योग के आसपास पानी पीने और घास चरने से बीमार हुई भैंस तीन दिन तडफ़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ गई। पिछले कई वर्षों से इस हांडाकुंडी में पशुओं और इंसानों की मौत का सिलसिला जारी है। हैरानी इस बात की है कि न तो सरकार और न ही प्रशासन इस उद्योग पर कोई कार्रवाई अमल में ला रहा है। पीडि़त परिवार ने उसके पशुधन की मौत की वकायदा पुलिस थाना में रिपोर्ट करवाई और पोस्टमार्टम करवाकर जुनगा और एक निजी लैब को भेजा है जिसकी रिपोर्ट का ग्रामीणों को इंतजार है। इससे पहले भी एक पशुधन का पोस्टमार्टम करवाया गया था जिसमें नाईटे्रट और लैड होने की रिपोर्ट आई थी।
—— बाक्स:- हाईकोर्ट में भी चल रहा है मामला, फाईलों में दब जाती हैं सब रिपोर्ट, कई बार हो चुके हैं सैंपल फेल
स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्योग की इस काली करतूत को लेकर एक याचिका शिमला हाईकोर्ट में भी दायर की गई है। क्योंकि स्थानीय प्रशासन और सरकार को भेजी गई शिकायतें सरकारी फाइलों और उद्योग के रसूख के आगे दबकर रह जाती है। आज तक इस उद्योग के कहर को रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए गए। हालात इतने बदतर है कि अब इस उद्योग के खिलाफ लड़ रहे लोगों ने इंसाफ की उम्मीद छोड़ दी है। लोगों का कहना है कि जो भी उद्योग के खिलाफ आवाज उठाता है उसका मुंह किसी न किसी तरीके से बंद कर दिया जाता है। सरकार और प्रशासन उद्योग के आगे बिक चुके हैं। गांव के कई लोगों को मुंह पैसों से बंद कर दिया गया है। जो लोग लड़ भी रहे हैं उन्हें भी किसी न किसी तरीके से तोडऩे क ी कोशिश की जाती है। उद्योग के लिए गए कई सैंपल फेल हो चुके हैं, इतना ही नहीं मरने वाले पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पशुओं के अंदर लैड होने की पुष्टि हो चुकी है। लैड और नाईटे्रट के कारण यहां की हवा पानी और जमीन में जहर घुल चुका है। जमीन बंजर हो रही है और हवा पानी का जहर इंसानों और पशुओं को निगल रहा है। न्यूज लाईव नाऊ की टीम ने मौके पर जाकर प्रदूषण के इस गोरखधंधे को कैमरे में कैद किया। कैसे चोर रास्तों से पानी छोड़ जाता है, उद्योग की छत पर लाल रंग के निशान सारी कहानी ब्यान करते हैं।
—— बाक्स : गांववासियों की दो टूक नहीं हुई कार्रवाई तो उतरें सड़कों पर
हर तरफ गुहार लगाकर हताश हो चुके स्थानीय निवासी सुरेंद्र, राम नाथ, वीरवल, सुदेश, गुरदीप सिंह, ओम प्रकाश, अमरनाथ, प्राभजीत, पालो, कारमी, राम आसरा, शिला, पूजा, गुरदीप, संजू, चरणजीत, राम नंद व मदन के साथ दर्जनों लोगों को कहना है कि उन्हें कंपनी द्वारा मानसीक रूप से परेशान किया जा रहा है। धमकियां दी जाती है। प्रधान द्वारा भी पिछले चार सालों में कोई कार्यवाई नहीं की जा रही, उल्टा प्रधान आवाज उठाने वालों ग्रामीणों को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जो भी इस उद्योग के खिलाफ आवाज उठाता है उसे मानसिक व पारीवारिक रूप से परेशान किया जाता है और मारने की धमकियां दी जाती है। उधर नालागढ़ पुलिस का कहना है कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मृत भैंस का पोस्टमार्टम करवाकर सैंपल जुनगा स्थित लैब को भेजे हैं जिसकी रिपोर्ट का इंतजार पुलिस कर रही है। उधर प्रधान धीरेंद्र सिंह का कहना है कि ग्रामीणों को आरोप झूठे हैं उन्होंने कभी किसी को इस मामले को लेकर प्रताडि़त नहीं किया। जहां तक पशुओं के मरने की बात है तो यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है और यह मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है और विभाग भी इसकी जांच कर रहे हैं।