देशद्रोह मामले में एमडीएमके महासचिव दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा।

कारावास की सजा सुनाई गई और साथ ही उनके ऊपर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): एमडीएमके के महासचिव वाइको को चेन्नै की अदालत ने राजद्रोह के एक मामले में दोषी ठहराया है। इस मामले में उन्हें दोषी मानते हुए एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई और साथ ही उनके ऊपर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अदालत ने इस मामले में अपील के लिए वाइको को एक महीने का वक्त दिया है। पुलिस ने वाइको के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह) में मामला दर्ज किया था। वर्ष 2009 में वाइको की किताब ‘नान कुटरम सत्तुगिरेन’(मैं आरोप लगा रहा हूं) के विमोचन के दौरान दिए गए उनके भाषण के कारण यह मामला दर्ज किया गया था। 2010 में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। वाइको की किताब ‘नान कुटरम सत्तुगिरेन’(मैं आरोप लगा रहा हूं) के लॉन्च के दौरान 2009 में एलटीटीई के समर्थन में उनके भाषण को राजद्रोह माना गया था और उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। फैसला सुनाए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वाइको ने कहा कि उन्होंने आरोपों से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘आज का दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है।’ वाइको ने कहा कि वह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (एलटीटीई) को समर्थन देना जारी रखेंगे। वाइको ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की थी। वाइको ने कहा, ‘मैंने न्यायाधीश से कहा कि मैंने सजा में नरमी बरते जाने को नहीं कहा है। मैं एलटीटीई को समर्थन जारी रखूंगा। यहां तक कि अगर मुझे आजीवन कैद की सजा मिलती है तो मुझे खुशी होगी।’

 

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