तुर्की के पाक प्रेम के चलते भारत ने अब पर्यटकों को तुर्की न जाने की दी सलाह, पहले किया था पीएम का दौरा रद्द।
विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर भारतीयों को तुर्की जाने से बचने की सलाह दी है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : तुर्की द्वारा पाक का पक्ष लेने पर भारत की ओर से लगातार कड़ा रुख अपनाया जा रहा है। आर्टिकल 370 पर संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की पर भारत ने कड़ा रुख अपना लिया है। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की का दौरा रद्द किया, अब विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर भारतीयों को तुर्की जाने से बचने की सलाह दी है। उत्तरी सीरिया में कुर्द ठिकानों पर हमलों की वजह से तुर्की में हालात बहुत तनावपूर्ण हैं। बता दें कि तुर्की की अर्थव्यवस्था के लिए ये बड़ी मार होगी, क्योंकि भारत से हर साल करीब एक लाख 30 हजार लोग तुर्की जाते हैं। ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। इस साल जनवरी से जुलाई के बीच तुर्की जाने वाले भारतीयों की संख्या में 56 फीसदी की बढोत्तरी हुई है। इस लिहाज से ये तुर्की के लिए बहुत बड़ा झटका है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने इस महीने के आखिर में प्रस्तावित तुर्की का दौरा रद्द कर दिया था। तुर्की के राष्ट्रपति रिजेब तैय्यप अर्दोआन ने सितंबर में हुई संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में कश्मीर मुद्दे पर भारत का विरोध किया था। यही नहीं, फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की पैरिस में हुई बैठक के दौरान भी उसने पाकिस्तान का ही समर्थन किया था। यह पीएम नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहली तुर्की यात्रा होती। 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब में मेगा इन्वेस्टमेंट समिट के बाद उनका तुर्की जाने का कार्यक्रम था। अंकारा के दौरे को रद्द करने से साफ है कि भारत और तुर्की के बीच संबंध निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच कभी भी बहुत मधुर संबंध नहीं रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे में दोनों देशों के बीच ट्रेड और डिफेंस पर चर्चा होने का प्रस्ताव था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत के खिलाफ राय रखने को लेकर मलयेशिया और तुर्की से आयात पर पाबंदी का भी फैसला लिया है। सरकार और इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है भारत मलयेशिया से पाम ऑइल के इंपोर्ट को सीमित करने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा कई अन्य उत्पादों के इंपोर्ट पर भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की इस संबंध में हाल ही में हुई मीटिंग के बारे में जानकारी रखने वाले एक सरकारी और एक इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र ने ऐसी प्लानिंग की पुष्टि की है।