नई दिल्ली: चीन पर बढ़ती तनातनी के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चीन, डोकलाम की मौजूदा स्थिति को अपने हिसाब से बदलना चाहता है. हालांकि मौजूदा गतिरोध पर कानूनी तौर पर भारत का पक्ष मजबूत है. दुनिया के तमाम देश भारत के साथ इस मसले पर खड़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी देश अपने हिसाब से डोकलाम ट्राईजंक्शन को नहीं बदल सकता. भूटान के प्रति चीन ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है.
इससे पहले सोमवार को शुरू हुए मानसून सत्र से पहले चीन के साथ सीमा पर जारी विवाद के बीच संसद में इस मुद्दे के उठने की उम्मीद थी. सत्र से पहले यह कहा जा रहा था कि विपक्ष डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के आमने-सामने होने का मुद्दा उठा सकती है. लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि विपक्ष सरकार को कूटनीतिक कदम उठाने के लिए अभी कुछ और समय दे सकता है. गौरतलब है कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया, जिसके बाद करीब एक माह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है.
इससे पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को एक संसदीय समिति को जानकारी देते हुए कहा था कि भारत तनाव कम करने के लिए राजनयिक माध्यम से चीन से बातचीत कर रहा है.
इस बैठक में मौजूद करीब 20 सदस्यों में से कुछ ने इस बारे में संवाददाताओं को बताया. विदेश सचिव ने समिति को बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है लेकिन वे उसका गलत अर्थ लगा रहे हैं, जिसे भारत स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक एंग्लो-चीनी समझौते के अनुसार वर्ष 1895 से अब तक भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है.