यह निर्देश ऐसे समय आया है जबकि भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर विवाद गहरा रहा है. इसके अलावा चीन से आईटी और दूरसंचार उत्पादों के आयात को लेकर चिंता भी इसके पीछे एक प्रमुख वजह है. एक अनुमान के अनुसार 2016-17 में मोबाइल फोन आयात 3.7 अरब डॉलर रहा. यह निर्देश मोबाइल विशेषकर स्मार्टफोनों से सूचनाओं की हैकिंग की चिंताओं के बीच जारी किया गया है. फोन बनाने वाली ज्यादातर चीनी कंपनियों के सर्वर चीन में हैं.
नई दिल्ली : स्मार्टफोन से सूचनाओं की चोरी और हैकिंग की घटनाओं के बीच सरकार ने मोबाइल बनाने वाली चीनी तथा अन्य कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं और पूछा है कि वे उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए क्या प्रक्रिया अपना रही हैं. सरकारी आदेश में लगभग 21 कंपनियों से कहा गया है कि वे ग्राहकों की डेटा की सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया व प्रणाली का ब्यौरा लिखित में दें. जिन कंपनियों को नोटिस दिया गया है उनमें चीन के नामी गिरामी ब्रांड वीवो, ओप्पो, शियोमी और जियोनी शामिल है.
ज्यादातर चीनी कंपनियों के सर्वर चीन में
यह निर्देश ऐसे समय आया है जबकि भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर विवाद गहरा रहा है. इसके अलावा चीन से आईटी और दूरसंचार उत्पादों के आयात को लेकर चिंता भी इसके पीछे एक प्रमुख वजह है. एक अनुमान के अनुसार 2016-17 में मोबाइल फोन आयात 3.7 अरब डॉलर रहा. यह निर्देश मोबाइल विशेषकर स्मार्टफोनों से सूचनाओं की हैकिंग की चिंताओं के बीच जारी किया गया है. फोन बनाने वाली ज्यादातर चीनी कंपनियों के सर्वर चीन में हैं.
भारतीय कंपनियों को भी नोटिस
इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जिन कंपनियों को नोटिस भेजे हैं उनमें एपल, सैमसंग, ब्लैकबेरी जैसी वैश्विक कंपनियां तथा अनेक भारतीय मोबाइल विनिर्माता भी शामिल हैं. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने सभी कंपनियों को अपना जवाब देने के लिए 28 अगस्त तक का समय दिया है. अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर मोबाइल फोन से डेटा लीक होने का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले चरण में उपकरण और पहले से लोड साफ्टवेयर और एप जांच के दायरे में रहेंगे.
21 कंपनियों को इस बारे में पत्र लिखा
कंपनियों से मिले जवाब के आधार पर मंत्रालय उपकरणों का सत्यापन और ऑडिट करेगा. मंत्रालय ने चेताया है कि यदि उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं हुआ होगा, तो आईटी कानून की धारा 43 (ए) के तहत जुर्माना लगाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मोबाइल फोन में हार्डवेयर और साफ्टवेयर के संदर्भ में जरूरी डेटा सुरक्षा उपाय किए जाएं. अधिकारी ने बताया कि आईटी मंत्रालय ने कुल मिलाकर 21 स्मार्टफोन कंपनियों को इस बारे में पत्र लिखा है. इनमें से ज्यादातर चीन की कंपनियां हैं.
उन्होंने कहा कि आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्थिति की समीक्षा के लिए 14 अगस्त को दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सीईआरटी-इन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. देश में ई कामर्स लेनदेन व डिजिटल भुगतान में उछाल को देखते हुए यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण हो गया है. इस बीच इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन (आईसीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा है कि सुरक्षित संवाद व डेटा की सुरक्षा की जरूरत के मुद्दे पर कोई तर्क नहीं हो सकता पर इस मुद्दे पर समग्रता से विचार किए जाने की जरूरत है.