जोधपुर के सरकारी जनाना अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों के लड़ने का वीडियो वायरल होने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने स्वप्रेरणा से याचिका लेते हुए सुनवाई करते हुए जोधपुर के जिला कलेक्टर को दोपहर दो बजे हाईकोर्ट में तलब कर लिया और अस्पताल प्रशासन के व्यवस्थाओं पर लताड़ लगाते हुए चार लोगों की टीम बनाकर जांच करवाने और उसकी रिपोर्ट 4 सितंबर तक हाईकोर्ट में पेश करने को कहा है.
कोर्ट ने बर्खास्त डॉक्टर अशोक नैनिवाल को फटकार लगाते हुए कहा कि आप जैसे लोगों की करतूत से जोधपुर की बदनामी सारे देश में हो रही है. इससे पहले हाईकोर्ट के दो जजों की डिविजन बेंच ने हाईकोर्ट के दो न्यायिक अधिकारियों की जांच टीम बनाकर सुबह अस्पताल भेज कर दोपहर दो बजे तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी.
हाईकोर्ट के नियुक्त दोनों न्यायिक अधिकारियों ने अस्पताल पहुंच कर हालात का जायजा लिया. मगर डॉक्टरों ने उन दोनों महिलाओं से बयान लेने की इजाजत नहीं दी जिनके सामने ऑपरेशन थियेटर में दो डॉक्टरों के बीच झगड़ा हुआ. इनमें से एक महिला और उसकी बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है जबकि दूसरे की बच्ची की मौत हो गई थी.
इस बात की सूचना न्यायिक अधिकारियों ने हाईकोर्ट के दोनों न्यायधीशों को दी. जिसके बाद न्यायधीशों ने कलेक्टर को बुलाकर 4 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी. उन्होंने ये भी कहा कि न्यायिक अधिकारियों की जांच भी समानांतर जारी रहेगी.
जोधपुर में ऑपरेशन थियेटर के अंदर डॉक्टरों के लड़ने और प्रसूता के नवजात की मौत को लेकर राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री काली चरण सर्राफ ने कहा कि राज्य सरकार ने एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है जबकि दूसरे डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही कल शाम तक एडीएम जोधपुर से रिपोर्ट मांगी है.
इस दौरान मंत्री जी गलत बयानी भी करते रहे. उन्होंने कहा साढ़े बारह बजे आया जबकि वो साढ़े 11 बजे आ चुके थे. घर में घुसने से पहले कहा कि मामले का पता नहीं है. पता लगाकर बताऊंगा और फिर एक बजे तक उनका स्टाफ कहता रहा कि वो सो गए हैं.
मंत्री जी का कहना था कि वे सोए नहीं थे, बल्कि उदयपुर से आए थे और नहा-धोकर अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहे थे. मंत्री जी ने कहा कि उनकी फ्लाइट मिस कर गई और जाम में फंस गए थे. इसकी वजह से पूरी रिपोर्ट रास्ते में नहीं ले पाए.
आपको बता दें कि राजस्थान के जोधपुर स्थित प्रसिद्ध उम्मेद अस्पताल का एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में अस्पताल के डॉक्टर ऑपरेशन टेबल पर बेसुध मरीज को छोड़ कर आपस में ही लड़ते दिख रहे हैं.
इस वीडियो से डॉक्टरों की कार्यशैली के साथ ही ऑपरेशन थियेटर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. दरअसल जिस तरह से यह वीडिया बना, उससे साफ है कि ऑपरेशन थियेटर में भी खुलेआम मोबाइल ले जाया जा रहा है, जबकि मोबाइल इंफेक्शन और रेडीयेशन का बड़ा सोर्स माना जाता है.