जम्मू-कश्मीर के सचिवालय से उतरा राज्य ध्वज, अब फहरेगा सिर्फ तिरंगा ।
जम्मू-कश्मीर के नागरिक सचिवालय में लगा हुआ राज्य ध्वज आज उतार दिया गया हैं ।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : जम्मू-कश्मीर के नागरिक सचिवालय में लगा हुआ राज्य ध्वज आज उतार दिया गया हैं। अब सिर्फ राष्ट्रीय ध्वज ही लहरा रहा है। पांच अगस्त को राज्य की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के बाद इस ध्वज का कोई औचित्य नहीं रह गया था। गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों के तहत जम्मू कश्मीर का अलग निशान (ध्वज) और अलग विधान था। भारत में विलय के बाद जम्मू कश्मीर की संविधान सभा ने 7 जून 1952 में राज्य के लिए अलग झंडे को मंजूरी दी थी। लाल रंग के इस झंडे पर हल का निशान और तीन पट्टियां थी। यह तीन सफेद पट्टियां राज्य के तीन प्रांताें जम्मू, कश्मीर व लददाख का प्रतिनिधित्व करती हैं। इतिहासकारों का मत है कि 1931 में तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान जख्मी हुए एक आंदोलनकारी ने खून से सनी अपनी कमीज निकाली और लोगों ने उसे फहराया। इसके बाद 11 जुलाई 1939 को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने इस पार्टी के ध्वज के रुप में अपनाया। इसमें हल का निशान आम अवाम और राज्य के कृषक वर्ग को दर्शाता है। विलय के बाद जब इस ध्वज को राज्य का ध्वज बनया गया तो इसमें तीन सफेद पट्टियां भी शामिल की गई।केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को राज्य की संवैधानिक स्थिति में बदलाव करने और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के फैसले के साथ ही अनुच्छेद 370 के वह सभी प्रावधान समाप्त हो गए थे जो जम्मू कश्मीर में अलग संविधान व निशान को सुनिश्चित बनाते थे। संबधित अधिकारियों ने बताया कि पहले यह विचार था कि जम्मू कश्मीर के ध्वज को 31 अक्तूबर 2019 को ही उतार जाए,क्योंकि उस दिन जम्मू कश्मीर से लददाख पूरी तरह अलग होना था। उसी दिन से जम्मू कश्मीर व लददाख दो अलग अलग केंद्र शासित राज्यों के तौर पर अस्तित्व में आने हैं। लेकिन बाद में विचार बदल गया क्येांकि अब इस ध्वज की संवैधानिक या कानूनी तौर पर किसी तरह की अहमियत नहीं रह गई है। इसलिए किसी भी दिन इसे उतारा जा सकता था। अत: आज उतार लिया गया। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि पहले वादी की कानून व्यवस्था की स्थिति काे ध्यान में रखते हुए इसे तत्काल नहीं उतारा गया। अब हालात सामान्य हैं और लोग बदलाव के पक्ष में नजर आ रहे हैं। इस ध्वज को 67 साल बाद उतारा गया है ।