
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना 20 मार्च की थी। महिला को फुल बॉडी स्कैनिंग के बाद भी रोका। शक से चलते अफसर उसे एक कमरे में ले गए।
– महिला ने फेसबुक पोस्ट अपनी आपबीती का जिक्र किया। उसने अफसरों को बताया कि दो हफ्ते पहले ही उसकी सर्जरी हुई है। उसने मेडिकल रिकॉर्ड भी बताया, लेकिन उन्होंने अनदेखा कर दिया। अफसरों ने कॉल कर पति को बुलाने की जिद की। जब पति वहां पहुंचा तो अचानक उनके तेवर बदल गए। सोचती हूं कि अगर कोई गोरा (आइसलैंड सिटीजन) मेरा पति नहीं होता तो क्या वे मुझे छोड़ते?
महिला ने FB पोस्ट में क्या बताया?
– बेंगलुरु की रहने वाली 30 साल की श्रुति बसप्पा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ”मैं फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी के जबाव का इंतजार कर रही हूं। यहां आने से पहले सोचा था कि लैंड करने के बाद कि होटल में कुछ देर आराम करूंगी। लेकिन यह मेरे लिए बुरा अनुभव रहा। मैंने हमेशा बैग और पैसेंजर्स के नॉर्मल चेक के बारे में सुना है। लेकिन कई बार ऐसा हुआ कि मुझे अलग रूम में ले जाकर चेक किया गया, क्योंकि मैं गोरी (वहां की रहने वाली) नहीं हूं।”
– ”आज मुझे चेकिंग के लिए अपने कपड़े उतारने के लिए कहा गया। क्या यहीं नए रूल्स हैं। अक्सर ऐसा क्यों होता है कि मुझे लाइन से अलग किया जाता है। क्यों कपड़े उतारने के लिए बोला जाता है? क्या मुझे अपने लेग वैक्स करने की जरूरत है? क्या मुझे अपने साथ हसबैंड को साथ लेकर चलने की जरूरत है? वो मुझे जाने देते अगर पति (जो आइसलैंड के रहने वाले हैं) साथ होते। क्या गोरे लोग संदिग्ध नहीं होते?”
हम फीडबैक के लिए आपकी सराहना करते हैं
– एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि ऐसी प्रॉसेस हमारे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है। सुनकर हैरानी हुई। हम फीडबैक के लिए आपकी सराहना करते हैं। कृपया बताएं कि आखिर कब, कहां और क्या हुआ था?
– बता दें कि जनवरी महीने में भी इसी एयरपोर्ट पर सिंगापुर में रहने वाली भारतीय मूल की महिला को कपड़े उतार कर चेकिंग के लिए मजबूर किया गया। तब अफसरों को शक था कि वह ब्रेस्ट पंप के साथ ट्रैवल कर रही है। जबकि उसके साथ कोई बच्चा नहीं था।
– बता दें कि जनवरी महीने में भी इसी एयरपोर्ट पर सिंगापुर में रहने वाली भारतीय मूल की महिला को कपड़े उतार कर चेकिंग के लिए मजबूर किया गया। तब अफसरों को शक था कि वह ब्रेस्ट पंप के साथ ट्रैवल कर रही है। जबकि उसके साथ कोई बच्चा नहीं था।