कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को मध्य प्रदेश को नरसिंहपुर में अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ 3,300 किलोमीटर लंबी और लगभग 6 माह तक चलने वाली नर्मदा परिक्रमा शुरू की. 70 वर्षीय दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को नरसिंहपुर में अपने गुरू द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया.
राजनीति पर बात करने से परहेज
उन्होंने कहा कि अपने गुरू की प्रेरणा और आशीर्वाद से वह यह पैदल यात्रा कर रहे हैं. नरसिंहपुर के बरमान घाट से उन्होंने अपने समर्थकों के साथ जय नर्मदे के नारे के साथ नर्मदा यात्रा शुरू की. अपने राजनीतिक बयानों से हमेशा सूर्खियों में रहने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने अपनी यात्रा शुरू करने के पहले ही यह कहा था कि उनकी यात्रा धार्मिक और अध्यात्मिक है, इसलिये इस दौरान वह राजनीति पर बात नहीं करेंगे.
अगले साल होना है विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अगले साल दिसंबर और गुजरात में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. दिग्विजय की यह यात्रा मध्य प्रदेश के 110 और गुजरात के 20 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. उन्होंने कहा कि नर्मदा यात्रा के दौरान वह ट्वीट नहीं करेंगे लेकिन रीट्वीट कर सकते हैं. दिग्विजय समर्थकों के मुताबिक अपनी यात्रा के दौरान वह यह जायजा लेंगे कि प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के किनारों पर करोड़ों रुपये खर्च कर कैसा पौधारोपण किया है.
मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जानी वाली नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा’ संचालित की थी. इस यात्रा के समापन पर नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक-एक किलोमीटर के इलाके में पौधारोपण का एक बड़ा अभियान भी चलाया गया था. कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही यात्रा के दौरान दिग्विजय नर्मदा नदी में बड़े पैमाने पर होने वाले अवैध रेत खनन के साक्ष्य भी जुटाने की कोशिश करेंगे.