नई दिल्ली. चीन के साथ हुए डोकलाम विवाद से भारत चौकन्ना हो गया है। डिफेंस मिनिस्ट्री ने करीब 4000 km लंबे चीन-इंडिया बॉर्डर पर मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार करने का फैसला किया है, इनमें विवादित इलाकों समेत नॉर्दर्न सेक्टर में सड़क बनाने का काम भी शामिल हैं। यह फैसला आर्मी कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस में लिया गया है। सेना किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार रहे…
– सूत्रों के मुताबिक ऑफिशियल सोर्सेज ने बताया कि आर्मी कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस में चीन के साथ डोकलाम विवाद और नॉर्दर्न बॉर्डर पर इससे जुड़ी सभी सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की गई।
– डायरेक्टर जनरल स्टाफ ड्यूटीज लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने कॉन्फ्रेंस में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “यह फैसला हुआ है कि नॉर्दर्न सेक्टर में सड़क बनाने का काम तेज किया जाएगा, ताकि सेना किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहे।”
– सोमवार से शुरू हुई हफ्ते भर चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने सभी कमांडरों को किसी भी तरह के हालात के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा। कॉन्फ्रेंस में डिफेंस मिनिस्ट्री के टॉप ऑफिशियल्स ने भी हिस्सा लिया।
4 रास्तों को आपस में जोड़ा जाएगा
– लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने कहा, “भारत-चीन सीमा पर 4 रास्तों- नीति, लिपुलेख, थांगला 1 और तसांगछोकला को आपस में जोड़ने का फैसला किया गया है। इस काम को 2020 तक पूरा करने की योजना है। ये सभी उत्तराखंड में हैं।”
– “इसके अलावा बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) को एडीशनल फंड मुहैया कराने का भी फैसला किया गया है ताकि आधारभूत ढांचों को मजबूत बनाया जा सके।”
हथियारों- गोला बारूद की खरीदारी पर रहेगा जोर
– सिंह ने बताया कि आर्मी चीफ ने कॉन्फ्रेंस में जोर दिया कि हथियारों और गोला बारूद की खरीदारी को प्रायोरिटी में रखना होगा। डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने भी कॉन्फ्रेंस को एड्रेस किया। रक्षा मंत्री ने सेना की मुश्किलों से निपटने में उसकी कोशिशों की तारीफ की। उन्होंने आने वाली किसी चुनौती से निपटने के लिए सभी सेनाओं को एकसाथ मिलकर कोशिश करने पर भी जोर दिया।
क्या है डोकलाम विवाद?
– चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा था। यह घटना 16 जून को सामने आई थी। भारत ने विरोध जताया तो चीन ने घुसपैठ कर दी थी। चीन ने भारत के दो बंकर तोड़ दिए थे।
– डोकलाम के पठार में ही चीन, सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। भूटान और चीन इस इलाके पर दावा करते हैं। भारत भूटान का साथ देता है। भारत में यह इलाका डोकलाम और चीन में डोंगलोंग कहलाता है।
– डोकलाम विवाद का हल 28 अगस्त को सामने आया था। दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक लेवल पर 38 मीटिंग के बाद भारत-चीन के बीच जवानों का ‘डिसइंगेजमेंट’ करने पर रजामंदी बनी थी। चीन ने बॉर्डर से सड़क बनाने के इक्विपमेंट और बुलडोजर हटाने और भारत ने वहां से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमति जताई थी।
क्या वाकई ईमानदार है चीन?
– कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें सामने आई थीं कि चीन अब डोकलाम के विवादित इलाके से 12 km दूर सड़क बना रहा है और धीरे-धीरे अपनी सेना वहां बढ़ा रहा है। हालांकि, भारतीय अफसरों का दावा है कि चीन विवादित इलाके में ही रोड को बढ़ा रहा है। कंस्ट्रक्शन इम्प्लॉइज को उसके 500 जवान सिक्युरिटी दे रहे हैं।
– सिक्किम का मई 1975 में भारत में विलय हुआ था। चीन पहले तो सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता था, लेकिन 2003 में उसने सिक्किम को भारत के राज्य का दर्जा दे दिया। हालांकि, सिक्किम के कई इलाकों को वह अब भी अपना बताता है।