चीन ने अंततः माना कि गलवन हिंसा में उसके सैनिकों की भी हुई थी मौत।

चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने सैनिकों की मौत पर चुप्‍पी तोड़ते हुए दावा किया है कि इस हिंसा में भारत के मुकाबले कम चीनी सैनिकों की मौत हुई थी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : गलवान घाटी में हुई हिंसा से पूरा भारत सदमे और क्रोध की भावना से भर गया था। संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान से बौखलाए चीन ने खुद ही अपने झूठ की पोल खोल दी है। चीन ने पहली बार माना है कि भारतीय सेना के साथ गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसा में उसके सैनिकों की मौत हुई थी, लेकिन उनकी संख्‍या नहीं बताई। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने सैनिकों की मौत पर चुप्‍पी तोड़ते हुए दावा किया है कि इस हिंसा में भारत के मुकाबले कम चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। संसद में राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन की हरकतों के परिणाम स्वरूप गलवन संघर्ष हुआ और हमारे जवानों ने बलिदान दिया। हालांकि उस संघर्ष में चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान हुआ।
ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की भारत के 20 सैनिकों के मुकाबले कम मौत हुई थी। किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने पकड़ा नहीं था, जबकि पीएलए ने उस दिन कई भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था। शिजिन ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने बिना किसी चेतावनी के उन पर हमला कर दिया, जिसके बाद झड़प हुई। ग्लोबल टाइम्स चीन के पीपुल्स डेली का अंग्रेजी अखबार है, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी का ही पब्लिकेशन है।
बता दें कि 15 जून को गलवन घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने बलिदान दिया था। इस झड़प में काफी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। भारत ने जहां अपने मारे गए सैनिकों की संख्‍या का ऐलान किया, लेकिन चीन ने आजतक अपने मारे गए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार झड़प में चीन के 40 सैनिक भी मारे गए थे। हाल में सोशल मीडिया में उन सैनिकों की अंत्येष्टि का फोटो भी वायरल हुआ है। इसके पहले चीन ने गलवान घाटी में हुई हिंसा में अपने सैनिकों की मौत की बात को लम्बे समय तक छुपाने की कोशिश की थी।

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