घर वापस लौटे प्रवासी वापस मजदूरों को प्रशिक्षण और रोज़गार देने की योजना की तैयारी अंतिम चरण में।
कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य के सहयोग से प्रवासी कामगारों के प्रशिक्षण की तैयारियों को देखते हुए तय समयसीमा के भीतर लक्ष्य हासिल करने का भरोसा जताया।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : कोरोना महामारी के चलते देश के अनेक औद्योगिक क्षेत्रों और शहरों में काम करने वाले मज़दूरों ने वापस अपने घर की ओर पलायन किया है, जिसके बाद इन कामगारों को रोज़गार की विकट समस्या खड़ी हो गई है। गरीबों के लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था करने के साथ ही वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के कौशल विकास की तैयारी भी अंतिम चरण में है। कौशल विकास मंत्रालय ने देश से आकांक्षी 116 जिलों में तीन लाख मजदूरों को 10-15 दिन और तीन महीने के दो तरह के प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि जुलाई महीने में ही इन प्रवासी मजदूरों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य के सहयोग से प्रवासी कामगारों के प्रशिक्षण की तैयारियों को देखते हुए तय समयसीमा के भीतर लक्ष्य हासिल करने का भरोसा जताया। कौशल विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सभी 116 जिलों को बता दिया गया है कि उनके यहां कितने-कितने मजदूरों को किस-किस तरह का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है। इनके जिला मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण पाने वाले मजदूरों की पहचान करने और उनकी सूची बनाने को कहा गया है। एक बार मजदूरों की पहचान हो जाने के बाद उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
10-15 दिन के छोटे प्रशिक्षण के दौरान मजदूरों को अपने पुराने कार्यक्षेत्र में ही हुनर को और बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। वहीं तीन महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मजदूरों को किसी नए क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण देकर कार्यकुशल बनाया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान संबंधित जिलों में स्थित औद्योगिक इकाइयों में प्रशिक्षित कामगारों की जरूरत को भी ध्यान में रखा गया है, ताकि प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया कराया जा सके। ध्यान देने की बात है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के बाद सरकार ने उनका स्किल मैपिंग शुरू किया था, उसी के आधार पर प्रशिक्षण की योजना तैयार की गई है। सरकार की इन योजनाओं से कामगारों के लिए रोज़गार मुहैय्या होने के अवसर बढ़ेंगे।