खुफिया एजेंसियों ने ISI की साजिश को लेकर किया अलर्ट – आतंकियों की पंजाब और यूपी चुनाव को प्रभावित करने की है तैयारी ।
सूत्रों के अनुसार पंजाब चुनाव को लेकर राज्य में खालिस्तानी आंदोलन को फिर से सक्रिय करने के लिए एक उपयुक्त अवसर के रूप में आइएसआइ ने सभी छोटे या बड़े आतंकवादी समूहों को सक्रिय कर दिया है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत के पाँच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए आतंकी संगठन नई साजिश रच रहे हैं। पंजाब में खालिस्तानी पदचिन्हों को बढ़ाने के उद्देश्य से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) ने अपने आतंकी संगठनों को सक्रिय कर दिया है। राज्य और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में देश की खुफिया एजेंसियों ने इस बात की चेतावनी दी है।
खुफिया जानकारी के हवाले से सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रों ने कहा कि आइएसआइ प्रायोजित सिख आतंकी संगठन चुनावी रैलियों को निशाना बना सकते हैं और पंजाब, यूपी और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में चुनावी प्रक्रिया के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नेताओं या वीवीआईपी को मारने का प्रयास कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार पंजाब चुनाव को लेकर राज्य में खालिस्तानी आंदोलन को फिर से सक्रिय करने के लिए एक उपयुक्त अवसर के रूप में आइएसआइ ने सभी छोटे या बड़े आतंकवादी समूहों को सक्रिय कर दिया है जिन्हें चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने काम सौंपा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार पंजाब, यूपी और उत्तराखंड प्रशासन द्वारा इनपुट साझा किए गए हैं, जिससे पता चला है कि ये संगठन अन्य राज्यों में भी सिख आबादी के बीच अपना समर्थन हासिल करने के लिए घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं।
आइएसआइ ने इन प्रतिबंधित सिख उग्रवादी संगठनों को यह भी बता दिया है कि यह खालिस्तान के लिए ‘अभी या कभी नहीं’ का समय है।
यूपी और उत्तराखंड सरकारों को इन गतिविधियों पर नजर रखने और इन राज्यों में सिख धर्मगुरुओं और प्रमुख व्यक्तियों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है।
आइएसआइ ने विदेशों में सक्रिय सिख आतंकवादी समूहों को निर्देश दिया है कि वे पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति को व्यवस्थित करें और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे संगठनों को पाकिस्तानी हैंडलर के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्देश दें।
सूत्रों ने खुफिया इनपुट के हवाले से यह भी कहा कि बीकेआइ के सिख आतंकवादी वाधव सिंह बब्बर, खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजावर और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीता लगातार आइएसआइ के संपर्क में हैं और निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि लखवीर सिंह के नेतृत्व वाले ISYF का पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गांवों में काफी प्रभाव है और उनके कई गुर्गे बम और अन्य विस्फोटक उपकरण बनाने में माहिर हैं। सूत्रों ने बताया कि सिंह को इन विस्फोटक सामग्रियों की तस्करी के बाद पंजाब में सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया है।
बता दें कि सीमा पार हथियारों और विस्फोटकों के परिवहन के लिए ड्रोन का उपयोग हाल के दिनों में पंजाब सीमा पर सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अधिकारियों के अनुसार पंजाब सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन की 60 से अधिक घटनाएं देखी गईं हैं। उनमें से कई को सीमा सुरक्षा बल ने मार गिराया है। हाल ही में लुधियाना में हुए विस्फोट की जांच से यह भी पता चला है कि कैसे ये सिख उग्रवादी समूह अपने जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ राज्य में अपने आतंकी हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां चुनावों को लेकर सतर्क हैं।