क्या दुनिया के सबसे ताकतवर नेता है व्लादमीर पुतिन ?
ह 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं और ऐसे में एक बार फिर 76 प्रतिशत वोट के साथ इस पद के लिए उनका चुना जाना हैरान करता है
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : रूस के लिए राजनीतिक लिहाज से यह साल बेहद खास रहा, जहां सशक्त विपक्ष के अभाव में व्लादिमीर पुतिन चौथी बार राष्ट्रपति के लिए निर्वाचित हुए। पुतिन रूस ही नहीं, दुनिया के सबसे सशक्त नेता के रूप में उभरे हैं।रूस में इस साल हुए चुनाव में व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर राष्ट्रपति निर्वाचित हुए, जिसके बाद उनका कार्यकाल 2024 तक का हो गया है। वह 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं और ऐसे में एक बार फिर 76 प्रतिशत वोट के साथ इस पद के लिए उनका चुना जाना हैरान करता है। लेकिन रूस की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों का कहना है कि इसमें हैरानी की कोई बात नहीं, क्योंकि उन्हें चुनौती देने के लिए विपक्ष ताकतवर नहीं था और ऐसे में यह चुनाव बस औपचारिकता रह गई थी। 2018 के चुनाव के बाद पुतिन चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने। इससे पहले वह वर्ष 2000 से 2008 के बीच भी 2 कार्यकाल के लिए रूस के राष्ट्रपति रहे। तब रूस के राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का हुआ करता था। लेकिन 2011 में इसमें बदलाव कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 वर्ष का कर दिया गया। पुतिन वर्ष 1999 से 2000 तक और फिर 2008 से 2012 तक रूस के प्रधानमंत्री भी रहे। राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि बढ़ाए जाने के मुद्दे पर रूस में पुतिन के खिलाफ व्यापक विरोध हुए। पुतिन के सत्ता में रहने के दौरान सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने और टेलीविजन पर नियंत्रण के आरोप भी लगे, लेकिन चुनाव के नतीजे बताते हैं कि पुतिन की लोकप्रियता में खास गिरावट नहीं आई। रूस में पुतिन के खिलाफ विपक्ष के नेता के तौर पर एलेक्सी नवालिनी ने खूब सुर्खियां बटोरीं। मास्को में उन्होंने कई रैलियां निकालीं, पर चुनावों से ठीक पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुतिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने युवाओं से रूस में बदलाव की अपील की थी। उनकी रैलियों में बड़ी संख्या में युवा जुटते थे। लेकिन नवालिनी की गिरफ्तारी के बाद उनके कई समर्थकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन यूक्रेन में दखल के बाद देश की राजनीति में और सशक्त होकर उभरे। देश की नहीं दुनिया में भी उन्होंने पैठ जमाई। उन्हें दुनिया में रूस की चमक को फिर से स्थापित करने वाले के नेता के तौर पर देखा जाता है। रूस की राजनीति में कदम रखने से पहले पुतिन ने 16 साल तक सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था केजीबी में भी सेवा दी। पुतिन अपने खास अंदाज को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। रूस में आम चुनावों से पहले इस साल जनवरी में पुतिन की कड़ाके की ठंड के बीच झील में नहाकर निकलते हुए तस्वीर सामने आई थी, जिसने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरीं।