कोरोना संभाल पाने में पूरी तरह नाकाम इमरान अब भारत की कर रहे बुराई।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के जाल में फंस गई है। वहां गरीबी रोज बढ़ती जा रही है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : दुनिया भर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और पाकिस्तान में हालात बहुत बिगड़ चुके हैं। वहां रोज मामले बढ़ रहे हैं मगर प्रधानमंत्री इमरान खान के पास भारत को कोसने से फुर्सत नहीं है। अपने मुल्क की दिक्कतें उनसे दूर नहीं होतीं पर भारत के मामलों में टांग जरूर अड़ाते हैं। भारत कोई प्रतिक्रिया दे या ना दे, इमरान का ‘इंडिया-इंडिया’ चलता रहता है। पहले तो बड़ा कहते फिरे कि लॉकडाउन नहीं करेंगे, पाकिस्तान को कुछ नहीं होगा। फिर जब कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो इमरान ने लॉकडाउन कर दिया। वहां 9 मई तक लॉकडाउन है मगर बहुत सी चीजों में छूट दी गई है इसलिए मामले बढ़ रहे हैं। खुद अपना देश इमरान से संभलता नहीं, अब वह भारत में लॉकडाउन पर ज्ञान देते फिर रहे हैं।
इस्लामाबाद के एक कार्यक्रम में बोलते-बोलते इमरान डिप्लोमेसी की मर्यादाएं भूल गए। किसी दूसरे देश के प्रमुख की खातिर उन्होंने ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जो हेड ऑफ द स्टेट को शोभा नहीं देते। भारत के बारे में इमरान ने कहा, “वो जो उनका स्ट्रॉन्गमैन नरेंद्र मोदी है, कहते हैं उसका 50 इंच का चेस्ट है। वो इतना डरपोक निकला, एकदम उसने सारा बंद कर दिया। सोचा ही नहीं कि आम आदमी की जिंदगी क्या होगी।”
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के जाल में फंस गई है। वहां गरीबी रोज बढ़ती जा रही है। पहले से ही घाटे में चल रहा पाकिस्तान और घाटे में चला गया। ग्रोथ रेट तेजी से गिर रहा है, लोगों की नौकरियां जा रही हैं। मगर इमरान कोरोना वायरस को बड़ा खतरा नहीं मानते। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि लॉकडाउन अमीरों का चोंचला है। अपने बयान में भी उन्होंने कहा, “लॉकडाउन ने ये दिखाया है कि अगर हम गरीबों पर ध्यान ना दें तो वायरस पॉश कॉलोनियों में भी पहुंच जाएगा।” बढ़ते दबाव के बाद, उन्होंने देश में आधा-अधूरा लॉकडाउन किया। पाकिस्तान एक तरह से कोरोना विस्फोट की ओर बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मई और जून के बीच में वहां कोरोना अपने पीक पर पहुंच जाएगा। गरीबी की दर दोगुनी हो जाएगी और अगर ठीक से मैनेज नहीं किया गया तो गृहयुद्ध तक की आशंका जताई गई है। मेडिकल कम्युनिटी टोटल लॉकडाउन चाहती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का अनुमाान है कि जुलाई तक पाकिस्तान में दो लाख से भी ज्यादा कोरोना केसेज हो सकते हैं।
इमरान खान लॉकडाउन का विरोध करते रहे हैं। चूंकि पाकिस्तान के अधिकतर परिवार दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं, ऐसे में टोटल लॉकडाउन से उनकी भुखमरी की नौबत आ सकती है। इमरान तो ये भी कह चके हैं कि अगर लोगों को काम नहीं मिला तो दंगे हो जाएंगे। पाकिस्तान की टोटल वर्कफोर्स का करीब 72 फीसद इन्फॉर्मल सेक्टर में हैं। उनकी इनकम के लिए इमरान सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। उल्टा वर्ल्ड बैंक से लेकर इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के आगे पाकिस्तान हाथ फैलाता रहा है। इतनी बुरी हालत में होने के बावजूद भारत की बुराई करके पाक पीएम इमरान अपनी कुर्सी बचाने की चालें चल राज्राहे हैं जबकी जरुरत है की कोरोना और इकॉनमी बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं.