कोरोना के चलते सरकार की चीन से मिलने वाले आयात शुल्क में आई कमी।

पता चला है कि जनवरी-फरवरी महीने में रहे कोरोना वायरस का असर मार्च-अप्रैल महीने में जारी होने वाले जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में भी दिखेगा।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : कोरोना वायरस के कारण वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव साफ़ दिखने लगा है। सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र को आयात शुल्क के रूप में चीन से होने वाली कमाई में गिरावट दिखनी शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में आकलन करना शुरू कर दिया है। पता चला है कि जनवरी-फरवरी महीने में रहे कोरोना वायरस का असर मार्च-अप्रैल महीने में जारी होने वाले जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में भी दिखेगा। इस दौरान कमाई सरकार के लक्ष्य से नीचे रह सकती है। आकलन के मुताबिक इस संकट से भारत सरकार को आयात शुल्क के रूप में चीन से होने वाली कमाई करीब 12 फीसदी तक गिर गई है। यह आंकड़ा मौजूदा वित्त वर्ष के जनवरी और फरवरी महीने के दौरान का है। वहीं हालात इसी तरह बने रहे तो मार्च महीने की कमाई और ज्यादा गिर सकती है। सूत्रों के मुताबिक जनवरी और फरवरी महीने में चीन से होना वाला आयात करीब 30 फीसदी घटा है। इससे इन दो महीनों में कंपनियों की कमाई भी 15-20 फीसदी तक घटने की आशंका जताई जा रही है। भारत तमाम चीजों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए बड़े पैमाने पर चीन से ही आने वाले कच्चे माल पर निर्भर करता है। चीन से कच्चा माल आना कम हुआ है और यहां की विनिर्माण इकाइयों में भी सुस्ती दिख रही है जो आने वाले दिनों में उत्पादन में बड़ी कमी के तौर पर नजर आने वाला है। कारोबारियों ने फरवरी महीने में वित्त मंत्री से मुलाकात कर साफ कहा था कि कई मोर्चों पर उनके पास दो से चार हफ्ते तक का ही कच्चा माल है। अगर जल्द ही सरकार की तरफ से कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो विनिर्माण इकाइयां ठप हो जाएंगी। उद्योग जगत की उम्मीद के मुताबिक सरकार ने अभी तक आयात शुल्क घटाने जैसे कोई बड़े कदम नहीं उठाए हैं। हालांकि कोरोना वायरस से प्रभावित कारोबारियों को बैंकों और बीमा कंपनियों की तरफ से सहूलियतें जरूर दी जा रही हैं। जानकारों की राय में मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही सबसे ज्यादा प्रभावित रहेगी। इसके बाद भी कोरोना का असर अगली दो तिमाहियों तक देखने को मिल सकता है। इससे आने वाले कई महीनों तक जीएसटी के जरिये होने वाली कमाई प्रभावित रहने की आशंका है। भारत अपने कुल आयात का 18 फीसदी हिस्सा चीन से ही मंगाता है। इसमें फार्मा सेक्टर के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल, ऑटो, मोबाइल पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े उपकरणों का बड़े पामाने पर आयात किया जाता है। इन सब का सालाना बिल 85 अरब डॉलर के करीब बैठता है। सरकार सहित देश की जनता को कोरोना द्वारा तोड़ी गई अर्थव्यवस्था के साथ लम्बे समय तक जूझना होगा।

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