कोरोना के चलते आक्सीजन की कमी को पूरा करने को सरकार सिंगापुर से विमानों से मंगा रही ऑक्सीजन टैंकर ।
कोरोना से लड़ने के लिए सबसे अधिक जरूरी ऑक्सीजन को ले जाने वाले इन टैंकर्स को भारतीय वायुसेना के सी-17 एयरक्राफ्ट से लेकर आया जा रहा है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): कोरोना का कहर इस समय देश में जोरों पर है और उसके ऊपर से आक्सीजन की कमी ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए कहा है कि यह लहर नहीं, बल्कि सुनामी है। कोरोना के फैलते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। केंद्र विदेश से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकर मंगवा रही है। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सिंगापुर से चार क्रायोजेनिक (कम तापमान बनाए रखने में सक्षम) टैंकर विमानों से मंगाए जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल ऑक्सीजन को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए किया जाएगा। मालूम हो कि देश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है, जिसके चलते कुछ मरीजों की भी जान जा चुकी है।
कोरोना से लड़ने के लिए सबसे अधिक जरूरी ऑक्सीजन को ले जाने वाले इन टैंकर्स को भारतीय वायुसेना के सी-17 एयरक्राफ्ट से लेकर आया जा रहा है। यह एयरक्राफ्ट शनिवार शाम को पानगढ़ एयरबेस पहुंचेगा। सी-17 एयरक्राफ्ट ने हिंडन एयर बेस से सुबह दो बजे उड़ान भरी थी, जिसके बाद वह लंबा सफर तय करके सिंगापुर के चांगी इंटरनेशनल एयरपोर्ट सुबह 7:45 बजे पहुंचा। देश में ऑक्सीजन की कमी के बीच भारतीय वायुसेना भी इसे दूर करने के लिए सामने आई है। वायुसेना के विमान ऑक्सीजन टैंकर्स, मेडिकल पर्सनल आदि को एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे हैं, जिससे कम समय में जरूरी मदद पहुंचाई जा सके।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को देश में वर्तमान महामारी की स्थिति को लेकर एक रिव्यू मीटिंग भी की है, जिसमें कोरोना से लड़ने को लेकर चर्चा की गई। सिंगापुर के अलावा, केंद्र सरकार यूएई से भी ऑक्सीजन टैंकर्स को एयरलिफ्ट करवाने पर विचार कर रही है। उधर, देश में भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स पहले से ही ऑक्सीजन को अन्य स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। सी-17 एयरक्राफ्ट से दो ऑक्सीजन के कंटेनरों को जोधपुर से जामनगर ले जाया गया था। एक और सी-17 विमान हिंडन एयरबेस से शनिवार सुबह 10 बजे पुणे पहुंचा है। शुक्रवार को वायुसेना के सी-17 ट्रांसपोर्ट विमान से ऑक्सीजन के खाली टैंकर को इंदौर से जामनगर ले जाया गया था।
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 50 हजार मेट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन को इम्पोर्ट करने का फैसला लिया है। साथ ही, विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा है कि और किन-किन रूट्स से दूसरे देशों से ऑक्सीजन को इम्पोर्ट किया जा सकता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन प्लांट्स को एयरलिफ्ट करने की भी योजना बनाई है। वहीं, बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को रोके जाने की घटनाएं अब भी सामने आ रही हैं। उसने राज्यों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति और आवागमन सुनिश्चित किया जाए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि वे ऑक्सीजन लाने-ले जाने वाले वाहनों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन्हें एंबुलेंस की तरह समझते हुए उनके आवागमन के लिए विशेष गलियारों का प्रावधान करें। फिलहाल सरकार की ओर से कोरोना के कारण बिगड़ रहे हालात को काबू में करने के पूरे प्रयास जारी हैं।