कोरोना की वैकल्पिक दवाओं की खोज की जनहित याचका सुप्रीम कोर्ट से हुई खारिज।
सुप्रीम कोर्ट ने यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं की संभावनाएं तलाशने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : देश सहित पूरी दुनिया में कोरोना कहर फैला रहा है। इसके लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए इलाज खोजने की मांग हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए वैकल्पिक औषधियों जैसे… यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं की संभावनाएं तलाशने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि चूंकि कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई भी दवा मौजूद नहीं है ऐसे में वैकल्पिक यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं से इसके इलाज की संभावना तलाश की जानी चाहिए। याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एनवी रमण (Justices NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना एक नया वायरस है। ऐसे में हम इसके इलाज के लिए प्रयोग नहीं कर सकते हैं। विशेषज्ञों को इसके इलाज की वैक्सीन तैयार करने दीजिए। थोड़ा इंतजार करिये… इस पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बीआर गवई भी शामिल थे। आखिरकार शीर्ष अदालत ने कोरोना के इलाज के लिए वैकल्पिक औषाधियों की संभाना तलाशने के लिए डॉ. सीआर शिवराम की जनहित याचिका को खारिज कर दिया। देस कोरोना से हर स्टार से युद्ध लड़ रहा है, सुप्रीम कोर्ट को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों द्वारा इलाज खोजने का विचार रास नहीं आया है।