कैलिफ़ोर्निया आग में दो बच्चों समेत पांच की मौत
रेडिंग की रहने वाली शेरी ब्लेडसो के हवाले से आईं रिपोर्टों के मुताबिक उनकी सत्तर बरस की दादी मेलोडी ब्लेडसो के अलावा पांच और चार साल के दो बच्चों, एमिली रॉबर्ट्स और जेम्स, की मौत हो गई है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमरीका के उत्तरी कैलिफ़ोर्निया के जंगलों में लगी आग की चपेट में आकर एक बुजुर्ग महिला और दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई है। 17 अन्य लोग लापता हैं। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शास्ता काउंटी में तेज़ हवाओं और ‘आग के बवंडर’ की वजह से पेड़ उखड़ गए हैं और कई कारें पलट गई हैं। आग की वजह से कम से कम पांच सौ इमारतों को नुकसान पहुंचा है और हज़ारों घरों के राख में बदलने का ख़तरा बना हुआ है। रेडिंग की रहने वाली शेरी ब्लेडसो के हवाले से आईं रिपोर्टों के मुताबिक उनकी सत्तर बरस की दादी मेलोडी ब्लेडसो के अलावा पांच और चार साल के दो बच्चों, एमिली रॉबर्ट्स और जेम्स, की मौत हो गई है। मेलोडी के पति एड ने जानकारी दी थी कि किस तरह उन लोगों ने उन्हें फ़ोन कर घर के करीब आग पहुंचने की जानकारी दी थी। आग बुझाने के अभियान के दौरान गुरुवार को फायर इंस्पेक्टर जेरमी स्टोक और एक बुलडोज़र ऑपरेटर की मौत हो गई। बुलडोज़र ऑपरेटर के नाम की जानकारी नहीं दी गई है। अग्निशमन विभाग के सैंकड़ों कर्मचारी आग बुझाने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन अभी तक सिर्फ़ पांच फ़ीसदी आग पर ही काबू हो सका है। जंगलों में लगी आग की शुरुआत बीते सोमवार को एक कार में आई खराबी की वजह से हुई। देखते ही देखते ये आग 48 हज़ार एकड़ इलाके में फैल गई। ये सैन फ्रांसिस्को शहर से भी बड़ा क्षेत्रफल है। कैलिफोर्निया के वन और आग नियंत्रण विभाग के प्रमुख केन पिमलॉट ने पत्रकारों को बताया, “हम आग के भंवर देख रहे हैं। इसे बवंडर की संज्ञा दी जा सकती है।” उन्होंने कहा कि तेज़ हवाओं की वजह से आग फ़ैल रही है। ” ये स्थिति बहुत विकट है।।। हमें सावधान रहने की जरूरत है और लोगों को बाहर निकालते रहना होगा।” आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग के तीन हज़ार चार सौ से ज़्यादा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। स्थानीय अग्निशमन विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मौसम गर्म रहने वाला है। बारिश के आसार नहीं है। ऐसे में आग की स्थिति और ज़्यादा भयावह हो सकती है। कैलिफोर्निया में गर्मियों के मौसम में जंगल में आग लगना आम है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बीते दस साल के मुक़ाबले ये मौसम की सबसे खराब शुरुआत है।