किसानों की आमदनी होगी दोगुना, सरकार लाएगी कृषि निर्यात नीति
किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए सरकार जल्दी ही कृषि निर्यात नीति लाएगी
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए सरकार जल्दी ही कृषि निर्यात नीति लाएगी। कृषि उपज की विदेशों में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार कृषि निर्यात को तवज्जो देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की ऐतिहासिक प्राचीर से किसानों की हालत में सुधार लाने के लिए सरकार के उपायों का विस्तार से ब्यौरा दिया। मोदी ने उनकी आमदनी बढ़ाने वाले अन्य उपायों में कृषि उत्पादों के निर्यात नीति लाने की घोषणा की।प्रधानमंत्री बुधवार को स्वतंत्रता दिवस पर यहां लाल किले से देश को संबोधित कर रहे थे। पिछले चार सालों के दौरान किसानों के हित में किये गये उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में उसकी लागत की डेढ़ गुना की वृद्धि की गई है।पूर्ववर्ती सरकार का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि इसे बारे में किसी और सरकार ने यह करने का साहस नहीं दिखाया। यह मामला लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ था। किसान संगठन, राजनीतिक दल और कृषि विशेषज्ञ केवल इसकी चर्चा करते थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं। हमने तय किया कि किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलना ही चाहिए। हमने उसे लागू भी कर दिया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की हमारी घोषणा पर लोगों को संदेह हो रहा था। लेकिन हमने कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना की वृद्धि कर लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता अख्तियार कर लिया है। बदलते परिवेश में किसान वैश्विक बाजार की चुनौतियों से रोजाना रूबरू होने लगा है। इसके मद्देनजर सरकार कृषि निर्यात नीति लाने के मसौदे पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिसे ही जल्दी ही लाया जाएगा।दरअसल, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने कृषि निर्यात नीति का मसौदा तैयार कर मार्च में ही पेश कर दिया था। इसमें कृषि निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए भारतीय किसानों के कृषि उत्पादों को ग्लोबल वैल्यू चेन में शामिल करने की योजना है। भाजपा ने एमएसपी में लागत का डेढ़ गुना करने की घोषणा 2014 में ही की थी। इसे चालू वित्त वर्ष के आम बजट में लागू कर दिया गया है।प्रधानमंत्री मोदी ने कह कि देश में रिकार्डतोड़ पैदावार हुई है, जिससे हमारे गोदाम भरे हुए हैं। सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप व स्पि्रंकलर्स सिंचाई को किसान अपना रहे हैं। मोदी ने कहा कि अधूरी बनी पड़ी 99 सिंचाई परियोजनाओं को सरकार ने चालू करा रही है। खेती की पूरी श्रृंखला को मजबूत करने के लिए ‘बीज से बाजार तक’ किसानों को मदद दी जा रही है। इससे खेती की उल्लेखनीय प्रगति हुई है।सरकार का कुल उद्देश्य किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करना है। हमारी कोशिश खेती का आधुनिकीकरण कर बदल देना है। कुछ लोगों को सरकार की मंशा पर शक है, लेकिन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी रौ में प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी शिद्दत से कहा, ‘हम मक्खन पर लकीर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं।’अपने डेढ़ घंटे के भाषण में मोदी ने कृषि के उल्लेखनीय क्षेत्रों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मत्स्य उत्पादन में भारत फिलहाल दुनिया में दूसरे स्थान पर है और जल्दी ही पहले पायदान पर पहुंच जाएगा। मधुमक्खी पालन के साथ सौर ऊर्जा के मामले में हमारे किसान बहुत आगे हैं।