कार्ति चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से ब्रिटेन जाने की अनुमति मांगी, कहा, बेटी का कैंब्रिज में नामांकन कराना है

कार्ति चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से ब्रिटेन जाने की अनुमति देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में बेटी का नामांकन कराना है। उन्होंने कहा है कि वह यह वचन देना चाहते हैं कि वह वहां किसी बैंक में नहीं जाएंगे।

दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शीर्ष अदालत से कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार उनके और उनके बेटे के खिलाफ राजनीतिक मंशा से काम कर रही है। मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआइ की अपील पर सुनवाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने स्वयं पैरवी की। हाई कोर्ट ने कार्ति एवं अन्य के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर पर रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर सकती है। सीबीआइ की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता निजी कार्यो के कारण अदालत में हाजिर नहीं थे। इसीलिए पीठ ने कार्ति की याचिका पर सोमवार को सुनवाई टाल दी। इस पीठ में जस्टिस एएम खानवीलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।

कार्ति की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा, ‘वह अपनी बेटी का कैंब्रिज में नामांकन कराना चाहते हैं। वह यह वचन देना चाहते हैं कि वहां वह किसी बैंक में नहीं जाएंगे।’

15 मई को दर्ज एफआइआर में सीबीआइ ने आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से 305 करोड़ रुपये के विदेशी कोष हासिल करने की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया है। 2007 में जिस समय बोर्ड ने यह मंजूरी दी थी उस समय कार्ति के पिता पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

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