कर्नाटक में सरकार गंवाने के बाद अब MP में कांग्रेस हुई रक्षात्मक।
शिवराज ने कहा कि अगर मध्यप्रदेश में कुछ होता है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कर्णाटक में कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार गिरने के बाद बांकी के कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों पर भी ख़तरा मंडराने लगा है। इसी क्रम में कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। मंगलवार शाम को कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद रात होते-होते मध्यप्रदेश भाजपा की तरफ से पहली बड़ी प्रतिक्रिया आई। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल्द ही सरकार अपना पिंडदान करवाएगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कमलनाथ सरकार को लेकर बयान दिया। शिवराज ने कहा कि अगर मध्यप्रदेश में कुछ होता है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। इसपर कमलनाथ सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि इस सरकार को हिलाने के लिए सात जन्म लेने होंगे। कर्नाटक सरकार गिरने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक बयान से प्रदेश की सियासत में भी हलचल बढ़ गई है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा ‘हम यहां (मध्यप्रदेश) सरकार गिराने का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस नेता खुद ही सरकार के पतन के लिए जिम्मेदार होंगे। कांग्रेस पार्टी के भीतर कलह है और उसे बसपा का समर्थन हासिल है, अगर कुछ होता है तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल्द ही सरकार अपना पिंडदान करवाएगी। उन्होंने कहा कि लंगड़ी सरकारों का यही हाल होता है। अब कर्नाटक में बेहतर तरीके से विकास होगा। मध्यप्रदेश की भी लगभग यही स्थिति है, क्योंकि यहां ट्रांसफर उद्योग चल रहा है। किसानों के साथ छल कपट कर उनसे वोट ले लिए गए। मध्यप्रदेश में लूट-खसोट, भ्रष्टाचार और चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। मुझे विश्वास है मध्यप्रदेश की सरकार भी अपना पिंडदान करवाएगी। शिवराज के बयान पर कमलनाथ सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने पलटवार किया। जीतू ने कहा कि भाजपा ने हमारे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सब कुछ किया है, लेकिन यह कमलनाथ की सरकार है, कुमारस्वामी की नहीं, उन्हें इस सरकार को हिलाने के लिए सात जन्म लेने होंगे। गौरतलब है कि 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भाजपा के 109 विधायक हैं। कांग्रेस को बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है।