ओमिक्रॉन के चलते ‘एट रिस्क’ देशों से आ रहे पैसेंजर्स को कराना होगा RT-PCR टेस्ट ।

सभी एयरपोर्ट्स पर अतिरिक्त RT-PCR फैसिलिटी की व्यवस्था की जाएगी। 'एट रिस्क' वाले देशों को छोड़कर बाकी देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति होगी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): कोरोना का ओमीक्रॉन वैरिएंट दुनिया के लिए चिंता का विषय बंता जा रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच इंटरनेशनल पैसेंजर्स के लिए नई गाइडलाइन आज से लागू कर दी गई है। केंद्र ने 28 से 30 नवंबर के बीच ये गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें बताया गया है कि एट रिस्क देशों से आने वाले पैसेंजर्स को RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी होगा। पैसेंजर्स को रिजल्ट आने तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना होगा। सभी एयरपोर्ट्स पर अतिरिक्त RT-PCR फैसिलिटी की व्यवस्था की जाएगी।
‘एट रिस्क’ वाले देशों को छोड़कर बाकी देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति होगी। उन्हें 14 दिन के लिए सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी। ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5% की टेस्टिंग जरूर की जाएगी। इसके मुताबिक, अब एयर सुविधा पोर्टल पर मौजूद सेल्फ डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स को फ्लाइट बोर्ड करने से पहले अपनी 14 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री बतानी होगी।
नई गाइडलाइंस को लागू करने के लिए, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने टेस्टिंग के दौरान मौजूदा सीट्स की कैपिसिटी को 1,000 से बढ़ाकर 1,400 कर दिया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर रोजाना करीब 1,200 पैसेंजर्स के आने की संभावना है। इन्हें नई गाइडलाइन के मुताबिक टेस्ट कराना होगा। टेस्टिंग में सीट्स को सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से अरेंज कर दिया गया है।
पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी। निगेटिव पाए गए यात्री घर जा सकेंगे, पर 7 दिन तक आइसोलेट रहना होगा। ऐसे यात्रियों का 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी। बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए टेस्ट की RT-PCR रिपोर्ट देना जरूरी होगा। ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी।
केंद्र ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट ऑफ कंसर्न है। इसलिए इसका तत्काल पकड़ में आना जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करें और हॉटस्पॉट्स पर निगरानी बढ़ाएं।
केंद्र ने कहा है कि इंटरनेशनल फ्लाइ‌ट्स के जरिए आने वाले यात्रियों की पिछली हवाई यात्राओं के बारे में जानकारी हासिल करने का मैकेनिज्म पहले से हर राज्य में मौजूद है। इसका रिव्यू राज्यों को अपने स्तर पर ही करना चाहिए ताकि एट-रिस्क कंट्रीज से आने वाले यात्रियों के लिए तत्काल उपाय शुरू किए जा सकें। नई गाइडलाइन में राज्यों को निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।
केंद्र ने फिर से कहा है कि बचाव ही असली सुरक्षा है। इसलिए राज्य-केंद्र शासित प्रदेश कोविड-एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन सख्ती से कराएं। साथ ही कंटेनमेंट बढ़ाएं, सर्विलांस एक्टिव रखें, वैक्सीनेशन कवरेज का दायरा और स्पीड बढ़ाएं ताकि इस वैरिएंट ऑफ कंसर्न से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 12 देशों की लिस्ट तैयार की है, जहां नए वैरिएंट का खतरा अधिक है। इनमें यूके समेत यूरोप के सभी देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और इजराइल शामिल हैं। फिलहाल ओमीक्रॉन से निपटने के लिए सरकार ने कमर कसी हुई है।

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