ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बने हथियारों में एक साल में हो चुके है 70 हादसे
कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश पुलिस का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एनकाउंटर के दौरान एक पुलिसकर्मी मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकाल रहा था
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश पुलिस का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एनकाउंटर के दौरान एक पुलिसकर्मी मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकाल रहा था। ऐसा होना लाजिमी भी है कि क्योंकि हमारे देश की पुलिस के हथियारों की गुणवत्ता से सभी वाकिफ हैं। लेकिन क्या भारतीय सेना के हथियार भी फिसड्डी हो सकते हैं। पहला ख्याल तो यही होगा कि नहीं। लेकिन ऐसा नहीं है। सेना के पास भी खराब गुणवत्ता के हथियार हैं। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, फौज को दिए गए मेड इन इडिया रिवॉल्वर दोषपूर्ण हैं और उनकी वजह से हादसे भी बढ़ रहे हैं। यह बंदूक भारतीय आयुध फैक्टरी (ऑर्डिनेंस) में बनाई जाती है। इतना ही नहीं, ऐसे ही कई और हथियार भी हैं, जो हादसे का सबब बन रहे हैं।
साल 2013-2014 में दोषपूर्ण हथियारों की वजह से 70 हादसे हुए हैं। अखबार ने नाम न छापने की शर्त पर एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा है कि सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले मुख्य एंटी-एयरक्राफ्ट बंदूक और एल-70 प्रभावहीन साबित हुए हैं। यही कारण है कि इस साल नवंबर में महाराष्ट्र के वर्धा जिले में स्थित सेंट्रल एम्युनिशन डिपो में पुलगांव बेस में इस्तेमाल नहीं हुए हथियारों को नष्ट किया गया था। नागपुर से 110 किलोमीटर दूर जिस स्थान पर इन निष्क्रिय हथियारों को नष्ट किया जा रहा था वहां खतरनाक विस्फोट होने की वजह से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 18 लोग घायल हो गए थे। यह सभी हथियार खामारिया ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बनाए गए थे।
इसी साल मई में ऑर्डिनेंस फैक्टरी के एक अधिकारी की मौत एल-70 हथियार की नियमित जांच के दौरान हो गई थी। एल-70 हथियार से कई राउंड फायरिंग कर जांच की जा रही थी लेकिन तभी मिस फायर हुआ और अधिकारी की मौत हो गई। सेना के अधिकारियों के मुताबिक ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बने टैंक भी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। 2016 में दोषपूर्ण एंटी टैंक्स माइंस में विस्फोट होने की वजह से 19 जवानों की जान चली गई थी।
दोषपूर्ण हथियारों को लेकर रक्षा उत्पादन इकाई में ऑडिट किया जा रहा था, जिसे पुलगांव घटना के बाद बंद कर दिया गया। हथियारों के जानकारों का मानना है कि समस्या तकनीक से जुड़ी हुई है जिसकी वजह से ये दुर्घटनाएं हो रही है। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड नई तकनीक को लेकर सजग नहीं है। यहां बने कई हथियार गुणवत्ता परीक्षा भी पास नहीं कर पा रहे हैं।
भारतीय सेना ने ऑर्डिनेंस फैक्टरी में निर्मित हथियारों की खामियों के बारे में रक्षा मंत्रालय और संसदीय निगरानी समिति को विस्तार से अवगत कराया है। ये भी सूचना दी गई है कि सेना के इस्तेमाल के लिए ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड को 22 तरह के हथियारों का ऑर्डर दिया गया था जिनमें से 14 तरह के हथियार अब तक सप्लाई नहीं किए गए हैं।
गौरतलब है कि इतने हादसों के बाद भारतीय सेना ने ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के ऊपर जिम्मेदारी तय करने की वकालत की है। ताकि खराब गुणवत्ता, स्लीपेज और सप्लाई में देरी को लेकर ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।