ऐसा क्या हुआ कि केंद्र को रातों-रात सीबीआई चीफ की शक्तियां खत्म करनी पड़ीं : SC
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के बीच विवाद के मामले पर गुरुवार को केंद्र सरकार से सख्त लहजे में सवाल किए
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के बीच विवाद के मामले पर गुरुवार को केंद्र सरकार से सख्त लहजे में सवाल किए। शीर्ष अदालत ने पूछा कि जब यह विवाद तीन महीने से था तो 23 अक्टूबर को अचानक ऐसी क्या स्थितियां बन गईं कि केंद्र को रातों-रात सीबीआई डायरेक्टर की शक्तियां खत्म करने का फैसला करना पड़ा?सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा- जब वर्मा कुछ महीनों में रिटायर होने वाले थे तो थाेड़ा इंतजार और चयन समिति से परामर्श क्यों नहीं हुआ?’’तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) इस नतीजे पर पहुंचा था कि इस विवाद में असाधारण स्थितियां पैदा हुईं। असाधारण परिस्थितियों में कभी-कभी असाधारण इलाज की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, ‘‘सीवीसी का आदेश निष्पक्ष था, दो वरिष्ठ अधिकारी लड़ रहे थे और अहम केसों को छोड़कर एक दूसरे के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे थे।’’ सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त कर दिया था। जांच जारी रहने तक सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया।अस्थाना और उनकी टीम के एक डीएसपी पर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही दो करोड़ रुपए की घूस ली है।