ईरान ने मार गिराया अमेरिका का अत्याधुनिक जासूसी ड्रोन।

दोनों देशों ने अपने-अपने दावे किए हैं पर अमेरिका ने स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिका और ईरान में पहले से ही काफी तनाव है, इस बीच US के एक शक्तिशाली ड्रोन को तेहरान ने मार गिराया है। दोनों देशों ने अपने-अपने दावे किए हैं पर अमेरिका ने स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है। इसके फौरन बाद ईरान ने ऐलान कर दिया कि वह जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। आपको बता दें कि गल्फ क्षेत्र में बढ़ता तनाव पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है क्योंकि यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के चलते परमाणु युद्ध हो सकता है।
मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक US ने ईरान की सेना के उस दावे को खारिज किया है कि यह ड्रोन उनके हवाई क्षेत्र में था। ईरान के कमांडर हुसैन सलामी ने बृहस्पतिवार को घोषणा कर दी कि उनके जवान जंग के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के ड्रोन को गिरा दिया गया क्योंकि हमारी सीमाएं ही रेड लाइन हैं और इसने यह पार कर दिया था। तेहरान ने कहा है कि उसने RQ-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन को अपने दक्षिणी तटीय प्रांत हॉरमूजगन के आसमान में मार गिराया। उधर, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह नेवी का MQ-4C ट्राइटन था जो अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में मौजूद था। दोनों पक्षों के दावे लगभग समान हैं क्योंकि ट्राइटन ड्रोन ग्लोबल हॉक का ही एक प्रकार है। अमेरिका के बेड़े में शामिल ट्राइटन ने U-2 जासूसी प्लेन की जगह ली है और यह 56,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। खास बात यह है कि इसे केवल दमदार रेडार गाइडेड मिसाइल से ही गिराया जा सकता है। इन मिसाइलों में से एक रूस का S-300 सिस्टम है, जो ईरान के पास मौजूद है। बताया जा रहा है कि पहली बार अमेरिका के ट्राइटन ड्रोन को किसी ने गिराया है। दरअसल, तेहरान ने अमेरिका के जिस ड्रोन को गिराया है, वह उसके सबसे शक्तिशाली ड्रोनों में से एक है। पिछले साल मई में ही अमेरिका ने इसे नेवल ड्रोन के तौर पर शामिल किया था। US 2032 तक अपने बेड़े में ऐसे 68 ड्रोन शामिल करना चाहता है। MQ-4C ड्रोन के गिरने से अमेरिका को तगड़ा झटका लगा है क्योंकि उसका यह जासूसी विमान 30 घंटे 56,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है। अमेरिका इस ड्रोन की पहली आधिकारिक तैनाती जल्द ही प्रशांत क्षेत्र में करने जा रहा था। MQ-4C ड्रोन में जबर्दस्त सेंसर लगे हैं जो फुल मोशन विडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं और सटीक तरीके से टारगेट को ट्रैक कर सकते हैं। इसमें रॉल्स रॉयस के इंजन लगे हैं। ड्रोन 50 फीट लंबा है और पंख की लंबाई 130 फीट है। यह 368 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी ने एक तस्वीर भी प्रकाशित की है, जिसमें जलता हुआ एयरक्राफ्ट आसमान से गिरता दिखाई देता है, लेकिन यह तस्वीर यमन में 2 साल पहले ली गई थी। यह घटना ऐसे समय में घटी है जब तेहरान और वॉशिंगटन के बीच अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों और हॉर्मूज जलडमरूमध्य में तेल जहाजों पर कथित तौर पर ईरानी हमले के कारण पहले से ही तनाव है। रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख सलामी ने कहा कि ईरान की सीमाएं हमारी रेड लाइन हैं। कुछ लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कोई भी दुश्मन, जो हमारी सीमाओं को पार करेगा, उसे तबाह कर दिया जाएगा।’ रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्रोन को तेहरान का जवाब ईरान की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की तरफ से दिया गया स्पष्ट संदेश है। कमांडर ने आगे कहा, ‘ईरान सभी विदेशी आक्रमण का जवाब देगा।’ इससे पहले अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के एक प्रवक्ता, नेवी कैप्टन बिन अर्बन ने कहा कि बुधवार को कोई भी US एयरक्राफ्ट ईरान के आसमान में नहीं उड़ रहा था। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पिछले हफ्ते ईरान ने एक अन्य ड्रोन पर मिसाइल दागी थी। आपको बता दें कि अमेरिका का आरोप है कि पिछले दिनों तेल के जहाजों पर हुए हमले में ईरान का हाथ था, जबकि तेहरान इससे इनकार करता है।

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