इंडोनेशिया : मृत व्हेल के पेट में मिले 115 प्लास्टिक कप और 2 जोड़ी चप्पल !

वटोबी नेशनल पार्क के बचावकर्मियों का कहना है कि मंगलवार को उन्हें 9.5 मीटर लंबी व्हेल का शव मिला

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ)  : इंडोनेशिया के पूर्वी भाग में एक मृत व्हेल के पेट से भारी संख्या में प्लास्टिक निकला है। व्हेल के पेट से प्लास्टिक के कप, बोतल और फ्लिप-फ्लॉप मिले हैं। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। दुनिया के प्लास्टिक प्रदूषण वाले देशो में शामिल इंडोनेशिया में इस घटना के बाद पर्यावरणविदों और सरकारी अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है।वटोबी नेशनल पार्क के बचावकर्मियों का कहना है कि मंगलवार को उन्हें 9.5 मीटर लंबी व्हेल का शव मिला। पार्क के प्रमुख हैरी सैंटोसो ने कहा कि वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ग्रुप के रिसर्चर और पार्क की  कंजर्वेशन एकेडमी को व्हेल के पेट से 5.9 किलो (13 पाउंड) प्लास्टिक का कचरा मिला है। इस कचरे में 115 प्लास्टिक के कप, चार प्लास्टिक की बोतल, 25 प्लास्टिक के बैग, 2 फ्लिप फ्लॉप, एक नायलॉन का थैला और करीब एक हजार प्लास्टिक के अन्य टुकड़े मिले हैं।डब्लूडब्लूएफ इंडोनेशिया के मरीन स्पीशीज कंजरवेटिव कोऑर्डिनेटर द्वी सुप्राप्ति का कहना है, “हम व्हेल की मौत का कारण तो नहीं बता सकते, लेकिन जो तथ्य हम देख रहे हैं, वह बेहद भयंकर हैं।” इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह है जहां की जनसंख्या 260 मिलियन है। यह देश चीन के बाद सबसे ज्यादा प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने वाला दुनिया का दूसरा देश है। जनवरी में जरनल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में ये बात कही गई है। यहां हर साल 3.2 मिलियन टन प्लास्टिक का कचरा उत्पन्न होता है। जिसका निपटारा नहीं किया जाता। अध्ययन के मुताबिक इसमें से 1.29 मिलियन टन कचरा समुद्र में पहुंचता है।इंडोनेशिया के समुद्री मामलों के मंत्री लुहुत बिनसर पंडजैतान का कहना है कि व्हेल की खबर के बाद प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के लिए लोगों को जागरुक होना चाहिए। साथ ही सरकार को भी समुद्री जीवों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
पंडजैतान ने आगे कहा कि व्हेल की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। बता दें पंडजैतान ने हाल ही में प्लास्टिक के कम इस्तेमाल के लिए अभियान चलाया है। पंडजैतान का कहना है कि ये संभव है कि प्लास्टिक के कचरे से अन्य समुद्री जीव भी दूषित हो रहे हैं, यह हमारी जिंदगी के लिए बहुत खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के कम इस्तेमाल के लिए सरकार प्रयास कर रही है। यहां तक कि दुकानदारों से भी कहा जा रहा है कि लोगों को प्लाटिक के थौलों में सामान न दें और देशभर के स्कूलों में बच्चों को बताया जा रहा है कि इससे क्या समस्याएं हो सकती हैं।सरकार की ओर से सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वह 2025 तक प्लास्टिक के 70 फीसदी कम इस्तेमाल करने संबंधी अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि यह बड़ा उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है जब लोग ये समझें कि प्लास्टिक हमारा सामान्य दुश्मन है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.