आरोग्य सेतु ऐप ने पकड़े 300 उभरते कोरोना हॉटस्पॉट्स।

नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की घोषणा से 17 दिन पहले तक आरोग्य सेतु ने हॉटस्पॉट्स की जानकारी दे दी थी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : भारत की विशाल आबादी में कोरोना के बढ़ते मामलों को जहाँ ट्रैक कर पाना एक चुनौती है वहीं इस काम में आरोग्य सेतु ऐप ने देश की बड़ी मदद की है। इस बात का अंदाजा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के दावे से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस ऐप से देशभर में 300 कोरोना हॉटस्पॉट्स का पता लगा है। उनके मुताबिक, इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है कि अगर आरोग्य सेतु ऐप नहीं होता तो ये उभरते हॉटस्पॉट्स पकड़ में नहीं आते। उन्होंने कहा कि इस ऐप ने अथॉरिटीज को देशभर के 650 हॉटस्पॉट्स और 300 उभरते हॉटस्पॉट्स को लेकर अलर्ट कर दिया।कांत ने कहा, ‘मसलन, महाराष्ट्र में इसने 18 जिलों के 60 हॉटस्पॉट्स का पता लगाया। देशभर में इसने 13 से 20 अप्रैल के बीच 130 हॉटस्पॉट्स की पहचान की। बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इन अनुमानित हॉटस्पॉट्स को वास्विक हॉटस्पॉट्स घोषित कर दिया।’ उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने वाले अब तक कम-से-कम 12,500 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि आरोग्य सेतु ऐप दुनिया के किसी भी अन्य टेस्टिंग प्लैटफॉर्म से बेहतर है। नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की घोषणा से 17 दिन पहले तक आरोग्य सेतु ने हॉटस्पॉट्स की जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा, ‘आरोग्य सेतु ने इनके बारे में 3 से 17 दिन पहले तक अलर्ट कर दिया था। इस तरीके से ऐप के जरिए सरकार को यह पता करने में मदद मिली कि किसकी जांच करनी है और कहां जांच करनी है।’
कांत ने आगे कहा, ‘आरोग्य सेतु ऐप ने सरकार को 650 से ज्यादा हॉटस्पॉट्स और 300 से ज्यादा उभरे हॉटस्पॉट्स के बारे में अलर्ट किया जिनका पता (अगर ऐप नहीं होता तो) शायद नहीं चल पाता। इसने हॉटस्पॉट्स के बारे में बिल्कुल पक्का अनुमान जारी किया और यह नए हॉटस्पॉट्स बनने से भी रोकने में मददगार बन रहा है। इसने गजब की पड़ताल की। किस इलाके में संक्रमित लोग हैं, संक्रमण किस दिशा में बढ़ रहा है और इसका दायरा क्या है, इसने इन सबकी सटीक जानकारी दी है।’
उन्होंने बताया कि अब तक 6 करोड़ 90 लाख लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप से अपने स्वास्थ्य जांच की। इनमें 34 लाख लोगों ने खुद को बीमार घोषित किया क्योंकि उनमें एक या तीन से ज्यादा लक्षण दिख रहे थे। 70 स्वास्थ्यकर्मियों की समर्पित टीम उन 6.5 लाख लोगों के पास पहुंची जिन लोगों में दो या दो से ज्यादा लक्षण दिखे।

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