आतंकियों संग पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह, मामले की जांच शुरू।
लश्कर और हिजबुल आतंकियों को कार में ले जाते समय गिरफ्तार डीएसपी से जांच एजेंसियों ने कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : डीएसपी देविंदर सिंह मामले की जांच शुरू हो चुकी है। गृह मंत्रालय को देविंदर सिंह मामले की पूरी जानकारी मिली है। मंत्रालय ने इस मामले में बेहद सख्त रुख अपनाने और मामले की तह तक जाने का निर्देश एजेंसियों को दिया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पदक वापस लेना सामान्य प्रक्रिया है। ऐसे मामलों में बहुत ही सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। अगर देविंदर सिंह दोषी है तो उसके साथ आतंकियों की तरह ही कार्रवाई होगी। सूत्रों ने कहा कि आईबी, रॉ और सेना की खुफिया टीमें देविंदर से पूछताछ कर रही है। एनआईए भी देविंदर सिंह और आतंकी नवीद को हिरासत में लेगी। तुम ऐसा कैसे कर सकते हो! आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह से इंटेरोगेशन सेंटर में जांच एजेंसियों ने यह पहला सवाल पूछा। लश्कर और हिजबुल आतंकियों को कार में ले जाते समय गिरफ्तार डीएसपी से जांच एजेंसियों ने कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है। सेवाकाल के ज्यादातर समय आतंकरोधी अभियानों में ड्यूटी के चलते डीएसपी से अब लंबी पूछताछ की जाएगी। शुक्रवार को पूर्व पुलिसकर्मी और आतंकी नवीद बाबू के साथ डीएसपी की बातचीत को खुफिया एजेंसियों ने ट्रैक कर लिया। इसके तुरंत बाद डीआईजी दक्षिण कश्मीर अतुल कुमार गोयल खुद जांच नाके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि आतंकियों का वाहन रोकने पर डीएसपी ने पुलिस वालों को रौब दिखाना शुरू कर दिया लेकिन डीएसपी को मौके पर मौजूद डीआईजी गोयल की फटकार झेलनी पड़ी। डीएसपी देविंदर सिंह पहले भी गलत कारणों के चलते चर्चा में रह चुके हैं। वर्ष 2013 में अफजल गुरु के पत्र में डीएसपी का नाम लिया गया था। इसमें अफजल गुरु ने दावा किया था कि तत्कालीन एसओजी डीएसपी देविंदर सिंह ने उससे कहा था कि संसद के हमलावरों में शामिल मोहम्मद के लिए दिल्ली में फ्लैट किराये पर लेकर दे। उसके लिए कार का भी इंतजाम करे। हालांकि जांच के दौरान अफजल गुरु के इन आरोपों को पुख्ता करने के लिए सुबूत नहीं मिल पाए। अब डीएसपी की गिरफ्तारी ने अफजल गुरु के सवालों को फिर जांच एजेंसियों के सामने खड़ा कर दिया है। इस बीच पूछताछ में आतंकियों से मिली जानकारी के आधार पर रविवार को शोपियां में आतंकी ठिकाना ध्वस्त किया गया। यहां से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की गई है। डीएसपी समेत दोनों आतंकियों को शनिवार को पकड़ा गया था। पकड़े गए आतंकियों के खुलासे के बाद पुलिस ने शोपियां के उरपोरा गांव में छापा मारकर सेब के बगीचे में बनाए गए आतंकी ठिकाने को ध्वस्त किया। मौके से कुछ हैंड ग्रेनेड तथा आतंकियों की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे बर्तन, सिलिंडर और गर्म कपड़े बरामद किए गए। इस ठिकाने में पांच से आठ लोग छिप सकते थे। बगीचा मालिक और आतंकी ठिकाना बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा कि अब तक हुई जांच में पता चला है कि देविंदर पिछले कई सालों आतंकवादियों को ठिकाना मुहैया करा रहा था। वह इसके बदले मोटी रकम लेता था। सूत्रों ने कहा कि देविंदर अपनी पहुंच और विश्वसनीयता का गलत इस्तेमाल कर रहा था। उसने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर आतंकियों को मदद पहुंचाई। एजेंसियां उसकी संपत्ति की भी जांच करेंगी।
देविंदर हिजबुल आतंकी नविद और आसिफ अहमद को कुछ महीनों के लिए ठिकाना मुहैया करवाने के लिए चंडीगढ़ ले जा रहा था। जिस वक्त सिंह को गिरफ्तार किया गया तब एक संदिग्ध आतंकी इरफान अहमद मीर गाड़ी चला रहा था। उसे पुलिस ने कुलगाम जिले में हाईवे पर रोका था। इरफान अहमद मीर पांच बार पाकिस्तान जा चुका था और पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या देंविदर और मीर मिलकर आतंकियों को वापस जाने या किसी बड़े हमले की साजिश तो नहीं रच रहे थे। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ सालों से सिंह आतंकियों को जम्मू में सर्दियों के मौसम में ठिकाना मुहैया कराता था।