अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने की उठी मांग
खबर के AMU से मांग उठी है कि यूनिवर्सिटी में करीब 6 हजार हिन्दू छात्र हैं इसलिए कैंपस में माँ सरस्वती जी का मंदिर बनना चाहिए
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पिछले काफी समय से चर्चा का केंद्र बनी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इस बार ऐसी आवाज आई है जो न सिर्फ AMU बल्कि देश में धर्मनिरपेक्षता के असली स्तर की परतों को खोल देगी। खबर के AMU से मांग उठी है कि यूनिवर्सिटी में करीब 6 हजार हिन्दू छात्र हैं इसलिए कैंपस में माँ सरस्वती जी का मंदिर बनना चाहिए। विश्वविद्यालय के छात्र नेता अजय सिंह ने मांग क है कि कैंपस में अगर मुस्लिम साथी नमाज पढ़ सकते हैं तो हिंदू छात्रं के लिए कैंपस में पूजा के लिए मंदिर भी होना चाहिए। अजय सिंह ने इसको लेकर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को लेटर लिखा है। अजय सिंह का कहना है कि नोएडा में नमाज को लेकर हंगामा और बयानबाजी करने वाले छात्र संघ के नेता इतने ही सहिष्णु हैं तो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैंपस में अपने हिंदू भाईयों के लिए एक मंदिर क्यों नहीं बनवा देते। उन्होंने इस संबंध में कुलपति को पत्र लिखकर सरस्वती के मंदिर बनवाने की मांग रखी है ताकि छात्र परीक्षा के दौरान अच्छे परिणाम ने के लिए ज्ञान की देवी सरस्वती के दर पर माथा टेक सके। इस बीच अल्पसंख्यक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय निगरानी समिति के सदस्य डॉ। मानवेंद्र प्रताप सिंह ने भी एएमयू कैंपस के अंदर मंदिर निर्माण की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘विश्वविद्यालय में कम से कम 6,000 हिंदू छात्र हैं, लेकिन एक भी मंदिर नहीं है, जबकि लगभग हर छात्रावास में मस्जिदें हैं। यह किस तरह की धर्मनिरपेक्षता है?मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘जब अरब देशों में मंदिर बन सकते हैं, जो कि 100 प्रतिशत मुस्लिम देश हैं, तो एएमयू में एक क्यों नहीं हो सकता है? मैं यह सवाल सभी धर्मनिरपेक्ष लोगों के साथ-साथ कांग्रेस से भी पूछना चाहता हूं, जो इन वार्ताओं का प्रचार करते हैं, लेकिन एएमयू में मंदिर के बारे में कभी बात नहीं की। विश्वविद्यालय की धर्मनिरपेक्षता केवल तभी स्वीकार की जाएगी जब मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदिअगल-बगल हों। उन्होंने कहा कि देखना ये होगा कि धर्मनिरपेक्षता की बातें करने वाले लोग इस पर क्या रुख अपनाते हैं?