अमेरिका अब भारत से आंतरिक सुरक्षा पर दोबारा करेगा संवाद।
मयोरकस और संधू के बीच हुई बातचीत में भारत-अमेरिकी मंत्रालयों के बीच साझेदारी और मजबूत करने की इच्छा जताई गई थी। इस संवाद के दौरान दोनों देश साइबर सुरक्षा, बढ़ते आतंकवाद और उग्रवाद समेत कई आतंरिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत और अमेरिका के रिश्तों में नया मोड आने की संभावना है। भारत और अमेरिका आठ साल बाद एक बार फिर आंतरिक सुरक्षा संवाद शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन द्वारा बंद किए गए इस संवाद के दोबारा शुरू करने की घोषणा राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने की। यह एलान एक दिन पूर्व अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा मंत्री एलेजांद्रे मयोरकस के भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू से हुई मुलाकात के बाद की गई।
मयोरकस और संधू के बीच हुई बातचीत में भारत-अमेरिकी मंत्रालयों के बीच साझेदारी और मजबूत करने की इच्छा जताई गई थी। इस संवाद के दौरान दोनों देश साइबर सुरक्षा, बढ़ते आतंकवाद और उग्रवाद समेत कई आतंरिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
दोनों देश एक दूसरे के सहयोग से आतंरिक सुरक्षा को लेकर व्यापक हल निकालने की कोशिश भी करेंगे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में शुरू हुए इस संवाद को डोनाल्ड ट्रंप ने बंद करवा दिया था।
मयोरकस-संधू के बीच हुई बैठक के ब्योरे के मुताबिक, बातचीत में दोनों नेताओं ने बाइडन प्रशासन में हो रही क्वाड समेत सकारात्मक भागीदारी पर जोर दिया। मंत्रालय के लिए किसी विदेशी राजदूत के साथ मंत्री की बैठक का ब्यौरा जारी करना आम बात नहीं है। दोनों राजनयिकों ने छात्रों और उद्यमियों के अहम योगदान को भी स्वीकार किया जिसने दोनों देशों को मजबूत बनाया।
यह संवाद सबसे पहले मई 2011 में ओबामा प्रशासन में शुरु हुआ। इसके बाद आंतरिक सुरक्षा मंत्री जेनेट नैपोलितानो अपने तत्कालीन भारतीय समकक्ष पी. चिदंबरम से बात करने के लिए भारत गई थीं। दूसरा भारत-अमेरिका आंतरिक सुरक्षा संवाद 2013 में वाशिंगटन डीसी में हुआ था।
शीर्ष अमेरिकी एडमिरल जॉन सी. एक्यूलिनो ने दावा किया है कि एक तरफ जहां भारत-अमेरिका सैन्य रिश्ते सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हैं वहीं भारत और चीन के बीच अविश्वास का माहौल चरम पर है। उन्होंने कहा, हिंद महासागर में चीन की धोखा देने वाली कार्रवाई और पारदर्शिता में कमी के चलते वहां स्थिरता व सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ है।
एडमिरल एक्यूलिनो ने अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान में कंमाडर पद के लिए अपने नाम की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई के दौरान संसद की सशस्त्र सेवा समिति के सामने यह बात कही। उन्होंने चीन के साथ चले सीमा गतिरोध पर भारतीय कोशिशों की सराहना की।
उन्होंने कहा एलएसी पर हुई झड़प के कारण भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय रिश्ते संबंध बिगड़े हैं और भारत ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल के तहत चीनी गतिविधियों पर शंकित है।
सांसदों के लिखित प्रश्नों के उत्तर में एक्यूलिनो ने कहा कि पाकिस्तान के ग्वादर और श्रीलंका के हंबनटोटा में चीन का रुख भी भारत के लिए चिंता का विषय है और यहीं हाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी है।
एडमिरल ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका द्विपक्षीय-बहुपक्षीय सहयोग, अभ्यास, उच्च स्तरीय संयुक्त अभियानों और शीर्ष स्तर पर सहयोग के मामलों को लगातार बढ़ा रहा है।
प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों और शीर्ष एडमिरल जॉन सी. एक्विलिनो ने राष्ट्रपति बाइडन की क्वाड सुरक्षा संवाद पहल की प्रशंसा की है। उन्होंने इसे चीन द्वारा पेश चुनौती का सामना करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कोशिश बताया।
इस संवाद में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के नेता शामिल हुए थे। हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर पद की पुष्टि के दौरान सुनवाई में एडमिरल ने बताया कि क्वाड साझा हितों के लिए अहम मंच है। जबकि सीनेटर जैक रीड, माजी हिरोनो, जोश हॉले और टिम काइन ने भी इस क्षेत्रीय गठबंधन की तारीफ की।
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मुखरता के बीच अमेरिकी प्रशासन भारत को चीन से निपटने के लिए सबसे अहम भागीदार मानता है। अमेरिकी टीवी से बात करते हुए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक ध्रुव जयशंकर ने कहा कि हाल ही में अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन का भारत दौरा इस कड़ी में अहम कदम साबित होगा।
यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा शिनजियांग प्रांत में उइगरों के कथित मानवाधिकार हनन को लेकर चीन पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद चीन ने भी यूरोप के 10 लोगों और चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसे चीन के सरकारी मीडिया ने सही ठहराते हुए ईयू के प्रतिबंधों को गलत बताया।
ग्लोबल टाइम्स ने बौखलाहट निकालते हुए कहा, दूसरे देश चीन को मानवाधिकार के बारे में लेक्चर देना और चीनी मामलों मे दखलंदाजी बंद करना चाहिए। ईयू के चीन पर प्रतिबंध को चीन के सरकारी अखबार ने EU का नैतिक अहंकार बताया है।