अब 160 Kmph की रफ्तार से दौड़ी राजधानी, नई तकनीक का होगा प्रयोग
नई दिल्ली से मुंबई और कोलकाता के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन अब आने वाले दिनों में अपना पूरा सफर 160 किलोमीटर की रफ्तार से पूरा करेगी
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नई दिल्ली से मुंबई और कोलकाता के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन अब आने वाले दिनों में अपना पूरा सफर 160 किलोमीटर की रफ्तार से पूरा करेगी। रेलवे ने हाल ही में इस ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने को लेकर के एक ट्रायल किया था, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। इस ट्रायल के पूरा हो जाने के बाद यह ट्रेन भी टी-18 के समकक्ष हो गई है। फिलहाल राजधानी एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा है। भारतीय रेलवे की अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ने एक ट्रायल किया था। इस ट्रायल में ट्रेन के दोनों छोर पर दो डब्लूएपी-5 इंजन को पुश एंड पुल तकनीक से लगाया गया था। आरडीएसओ के मुख्य पीआरओ ए के सिन्हा ने बताया कि ट्रायल के दौरान 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाया गया था।
ट्रायल की रिपोर्ट को फिलहाल रेलवे बोर्ड के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके ट्रेन को अपना पूरा सफर तय करने में छह घंटे और कम लगेंगे। अगर सबकुछ सही रहा तो फिर जल्द से जल्द मुंबई व कोलकाता राजधानी को इस तकनीक से चलाया जा सकता है।
अगर इस तकनीक का इस्तेमाल राजधानी के अलावा दूरंतो, एसी एक्सप्रेस और गरीब रथ में भी इस्तेमाल किया जाता है तो फिर रेलवे को सालाना 6 करोड़ रुपये की बचत होगी। दो इंजन होने से ट्रेन में डीजल जेनरेटर कोच को नहीं लगाना पड़ेगा। पूरी ट्रेन के एसी और बिजली के अन्य उपकरणों को इन दो इंजन से खपत पूरी हो जाएगी। अभी मुबंई राजधानी 1386 किलोमीटर का सफर 15 घंटे और 35 मिनट में पूरा करती है। भारत की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन ने रफ्तार ने ट्रायल रन में रफ्तार के मामले में नया कीर्तिमान बना दिया। ट्रेन-18 रविवार को ट्रायल में 180 किलोमीटर प्रति घंटे से भी तेज रफ्तार से दौड़ी। शनिवार को ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी। रेलवे अधिकारी ने बताया कि स्वदेश निर्मित ट्रेन-18 का परिचालन शुरू होने के बाद यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन होगी।
ट्रायल के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर ट्रेन-18 का वीडियो शेयर किया। ट्रेन के इतनी रफ्तार में होने के बाद भी झटके नहीं लग रहे हैं। वीडियो में पानी की बोतलों को दिखाया गया है, जो कि स्थिर हैं। रेल मंत्री ने लिखा, ‘जोर की स्पीड का झटका धीरे से लगा।’
चेन्नई की इंटेग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) के महाप्रबंधक एस. मणि ने बताया, ट्रेन-18 ने कोटा और सवाई माधोपुर सेक्शन पर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार को पार कर लिया। सभी बड़े परीक्षण पूरे कर लिए गए हैं।
इनकी रिपोर्ट के आधार पर अगर जरूरत पड़ी तो कुछ सुधार किए जाएंगे, लेकिन फिलहाल कोई बड़ी तकनीकी खामी सामने नहीं आई है। हमें उम्मीद है कि जनवरी 2019 तक ट्रेन का व्यावसायिक परिचालन शुरू कर देंगे। आम तौर पर ट्रायल में तीन महीने का समय लगता है, लेकिन सब कुछ उम्मीद से तेज हो रहा है।ट्रेन-18 देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसे चलाने के लिए इंजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे विशेष तौर पर बुलेट ट्रेन की तर्ज पर तैयार किया गया है। ट्रेन पूरी तरह कंप्यूटरीकृत है और जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम है, वहां 44 लोग बैठ भी सकते हैं। इस साल 29 अक्तूबर को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर कोच फैक्टरी से रवाना किया था।