अब भारत की समुद्री सीमाएं अभेद्य: नेवी चीफ
सुरक्षा घेरा भी काफी मजबूत किया गया, जिससे हमारे समुद्री तट लगभग अभेद बन गए हैं।'समुद्री रास्तों के जरिए आकर 26-11 तरह दोबारा हमले की आशंका पर लांबा ने कहा कि हमारा देश पहले से ज्यादा संगठित और तैयार है : एडमिरल सुनील लांबा
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि 26/11 हमले से अब तक हम काफी लंबा रास्ता तय कर चुके हैं। 10 साल के भीतर भारत ने कई स्तरों वाला निगरानी और सुरक्षा तंत्र तैयार कर लिया है। सुरक्षा और निगरानी तंत्र की वजह से हमारी समुद्री सीमाएं करीब-करीब अभेद्य हो गई हैं। इस तरह के हमलों के लिए हम पहले से ज्यादा तैयार और संगठित हैं।मुंबई हमलों की 10वीं बरसी की पूर्वसंध्या पर पीटीआई से बातचीत के दौरान लांबा ने कहा, “हमलों के बाद तटीय सुरक्षा के मामले में काफी बदलाव किया गया, अलर्ट वाली जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। सुरक्षा घेरा भी काफी मजबूत किया गया, जिससे हमारे समुद्री तट लगभग अभेद बन गए हैं।’समुद्री रास्तों के जरिए आकर 26-11 तरह दोबारा हमले की आशंका पर लांबा ने कहा कि हमारा देश पहले से ज्यादा संगठित और तैयार है। नौसेना भी बहु-आयामी बल बन गया है, जो समुद्री सीमा की रक्षा कर रही है। समुद्र के रास्ते भारत के लिए उत्पन्न होने वाले हर खतरे से निपटने के लिए नौसेना तैयार है। एडमिरल लांबा ने कहा कि देश के तटीय आधारभूत ढांचे में मौजूद कमियों और जोखिमों को दूर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब मजबूत निगरानी तंत्र लागू किया गया, जिसमें 42 राडार स्टेशन हैं। इन्हें गुरुग्राम हेडक्वार्टर से जोड़ा गया है।दस पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 नवम्बर 2008 को कराची से समुद्र के रास्ते मुम्बई में प्रवेश किया था। इन आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनस, ताजमहल होटल, ट्राइडेंट होटल और यहूदी केंद्र पर हमला किया। करीब 60 घंटे चले इस हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें 28 विदेशी नागरिक शामिल थे।