अप्रैल से शुरू होगा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण : सूत्र
बीते नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को सौंपे जाने और मंदिर निर्माण के लिए केंद्र को ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया था।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण अगले साल अप्रैल के अप्रैल से शुरू हो सकता है। मंदिर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। राम मंदिर के लिए केंद्र सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर ट्रस्ट के निर्माण पर विचार कर रहा है, जो निर्माण कार्य की देखरेख करेगा। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। बीते नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को सौंपे जाने और मंदिर निर्माण के लिए केंद्र को ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया था। समाचार एजेंसी ने सूत्र के हवाले से बताया है कि सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में छह सदस्य हैं, जबकि राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों की संख्या 14 से 17 के बीच हो सकती है। सूत्र ने यह भी बताया कि केंद्र इस बात पर भी विचार कर रहा है कि नया ट्रस्ट बनाने की जगह राम जन्मभूमि न्यास में ही बदलाव करके और नए सदस्यों को शामिल किया जाए और उसे राम मंदिर निर्माण का जिम्मा सौंप दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रस्ट के सदस्यों के बारे में निर्णय लेंगे। कहा यह भी जा रहा है कि ट्रस्ट के सदस्यों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है। सूत्र के मुताबिक, नया ट्रस्ट संस्कृति मंत्रालय के तहत रजिस्टर्ड होगा। मंत्रालय ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के कामकाज की देखरेख करेगा। विश्व हिंदू परिषद चाहता है कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार राशि न दे, बल्कि इसकी व्यवस्था देशभर के इच्छुक लोगों के दान से की जाए। बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता है और अभी इसके लिए 67 एकड़ जमीन है। ऐसे में 33 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता जाहिर की जा रही है। मस्जिद के लिए परिसर में ही पांच एकड़ जमीन देना संभव नहीं है, क्योंकि मंदिर के लिए ही अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता है। राज्य सरकार किसी और इलाके में मस्जिद के लिए जमीन दे। सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार मस्जिद के लिए जमीन आवंटन में हस्तक्षेप नहीं करेगा। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन की व्यवस्था करे। साथ ही सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि हनुमानगढ़ी को केंद्र में रखते हुए अयोध्या का पुनर्निर्माण किया जाए। 388 वर्ग किलोमीटर के दायरे में स्मार्ट सिटी, आउटर रिंग रोड, पार्क ट्रीटमेंट प्लांट, बस स्टैंड, रेलवे, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।